S Yogeshwari Tamil Nadu: कुछ साल पहले, तमिलनाडु के ग्रामीण इलाके विरुधुनगर की एस. योगेश्वरी को यह भी नहीं पता था कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग क्या होती है। आज, वह IIT बॉम्बे में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने जा रही हैं। योगेश्वरी का यह सफर न केवल उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि उनके परिवार के संघर्ष, शिक्षकों की मदद और सरकारी योजनाओं के समर्थन से भी संभव हुआ है।
योगेश्वरी के माता-पिता बेहद गरीब हैं। उनकी मां, कनागवल्ली, एक पटाखा यूनिट में दिहाड़ी मजदूर हैं, जबकि उनके पिता, सेल्वम, एक चाय की दुकान पर काम करते हैं। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया। योगेश्वरी ने अपनी कक्षा 12 की पढ़ाई सत्तूर के पास एक सरकारी स्कूल से की।
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विज्ञान में रुचि और संघर्ष की शुरुआत- S Yogeshwari Tamil Nadu
योगेश्वरी ने बताया कि कक्षा 7 से ही उन्हें विज्ञान में गहरी रुचि थी। शुरुआत में उनका आकर्षण मेडिकल साइंस की ओर था, लेकिन बाद में उन्हें एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के बारे में पता चला। उन्होंने कभी जेईई के बारे में नहीं सुना था, लेकिन “नान मुधलवन” योजना के तहत कल्लूरी कनावु वर्टिकल में भाग लेने के बाद उन्हें IIT में जाने के लिए परीक्षा के बारे में जानकारी मिली। यह सत्र उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा साबित हुआ, और उन्होंने यह ठान लिया कि वह अपनी मेहनत से बड़े सपने साकार करेंगी।
कड़ी मेहनत और दृढ़ता से सफलता की ओर
योगेश्वरी ने कभी टॉप करने का प्रयास नहीं किया था और न ही वह पढ़ाई में अव्ल रही थीं। वह हमेशा एक औसत छात्रा रही हैं। इसके बावजूद, उनकी उत्सुकता और सीखने की चाहत ने उन्हें बड़ी सफलता दिलाई। कक्षा 12 के बाद उन्होंने जेईई-मेन परीक्षा देने का फैसला किया और मात्र 60 दिनों की तैयारी में उसे पास कर लिया। उनकी मां ने उन्हें कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया और जब योगेश्वरी ने अच्छे अंक नहीं लाए, तो मां ने उन्हें डांटा। लेकिन योगेश्वरी ने अपनी मां से यह चुनौती ली और साबित कर दिया कि वह जेईई परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
सकारात्मक मानसिकता और सरकारी सहायता का समर्थन
योगेश्वरी के माता-पिता शुरू में उन्हें इरोड में 40 दिन के आवासीय जेईई-एडवांस्ड कोचिंग शिविर में भेजने के लिए संकोच कर रहे थे। लेकिन उनके परिवार ने समझा कि यह अवसर उनके लिए सफलता की कुंजी हो सकता है। तमिल माध्यम से पढ़ाई करने के बावजूद, योगेश्वरी ने अपनी कठिनाइयों को पार किया और अंग्रेजी में सुधार किया। उनका गणित में अच्छा प्रदर्शन था, और इसी कारण उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत विशेष कोचिंग प्राप्त हुई, जिससे वह अपनी पहली कोशिश में जेईई-एडवांस्ड को क्रैक करने में सफल हुईं।
शिक्षकों और कलेक्टर का समर्थन
योगेश्वरी के सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उनके शिक्षकों का समर्थन था। उन्होंने “कॉफी विद कलेक्टर” कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें विरुधुनगर के कलेक्टर वी.पी. जयसीलन ने उन्हें पूरी सहायता देने का आश्वासन दिया। इसके अलावा, उनकी गणित में प्रगति को देखते हुए, विरुधुनगर एजुकेशनल ट्रस्ट के एक शिक्षा विशेषज्ञ ने उन्हें शॉर्टलिस्ट किया और जेईई के लिए विशेष कोचिंग दी।