Sambhal violence update: संभल हिंसा में निर्दोष साबित हुई फरहाना, 87 दिन जेल में बिताने के बाद घर लौटी

Table of Content

Sambhal violence update: उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 45 वर्षीय फरहाना भी शामिल थी। उस पर पुलिस पर पत्थरबाजी करने और दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया था। लेकिन 87 दिन जेल में बिताने के बाद फरहाना निर्दोष साबित हुई और 20 फरवरी 2025 को रिहा कर दी गई।

और पढ़ें: CM Yogi News: सीएम योगी ने संभल सीओ के बयान का किया समर्थन, बोले – “होली सबका त्योहार, सब मिलकर मनाएं”

कैसे निर्दोष साबित हुई फरहाना? (Sambhal violence update)

पुलिस जांच में सामने आया कि फरहाना असली अपराधियों में शामिल नहीं थी। दरअसल, उसकी पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने अपनी बहन को बचाने के लिए फरहाना का नाम भी आरोपियों में जुड़वा दिया था। लेकिन एक अहम तथ्य ने उसकी बेगुनाही को साबित कर दिया – उसका 120 किलो वजन।

Sambhal violence update up news
Source: Google

पुलिस जांच में पाया गया कि इतनी अधिक शारीरिक भार होने के कारण वह छत पर चढ़ ही नहीं सकती थी, जहां से पत्थरबाजी हुई थी।

गलत पहचान बनी जेल जाने की वजह

घटना के समय वायरल हुए 10 सेकंड के एक वीडियो में एक महिला पुलिस पर पत्थर फेंकते हुए दिख रही थी। वीडियो में पत्थरबाजी करने वाली महिला के चेहरे पर कपड़ा बंधा हुआ था, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल था।

26 नवंबर 2024 को पुलिस ने वीडियो के आधार पर फरहाना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की 8 गंभीर धाराएं लगाई गईं। पड़ोस की एक और महिला जिकरा को भी पुलिस ने पकड़ा। जब जिकरा से पूछताछ हुई, तो उसने फरहाना को पत्थरबाजी में शामिल बताया।

पुलिस की दोबारा जांच से खुली सच्चाई

फरहाना के वकील जकी अनवर ने बरेली जोन के ADG रमित शर्मा और मुरादाबाद रेंज के DIG मुनीराज जी से मुलाकात कर उन्हें बताया कि जिस महिला को पत्थर फेंकते हुए देखा गया था, वह फरहाना नहीं थी।

इस पर DIG के निर्देश पर केस की दोबारा जांच शुरू हुई। संभल के अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद को जांच सौंपी गई। करीब दो महीने तक चली गहन जांच के बाद यह साबित हुआ कि पत्थर फेंकने वाली महिला फरहाना नहीं, बल्कि उसकी पड़ोसन जिकरा और उसकी बहन मरियम थीं।

Sambhal violence update up news
Source: Google

इसके बाद, 17 फरवरी 2025 को पुलिस ने फरहाना को निर्दोष मानते हुए उसकी रिहाई की सिफारिश की, और 19 फरवरी को CJM आदित्य सिंह की अदालत ने उसे एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।

क्या था पुलिस की गलती का कारण?

  1. गलत पहचान: हिंसा के समय घूंघट और नकाब में मौजूद महिलाओं की पहचान करना मुश्किल था, जिससे पुलिस को भ्रम हुआ।
  2. गली की बनावट: फरहाना का घर पत्थरबाजी करने वाली महिला जिकरा के घर के ठीक सामने था। पुलिस को लगा कि पत्थर फरहाना के घर से फेंके गए हैं।
  3. वजन बना बेगुनाही का सबूत: फरहाना का 120 किलो वजन था, जिससे वह छत पर चढ़ने और इतनी तेजी से पत्थर फेंकने में असमर्थ थी।
  4. पड़ोसन की साजिश: जिकरा ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी बहन मरियम को बचाने के लिए फरहाना का नाम लिया था।

गवाहों के बयान और पुलिस की नई रिपोर्ट

री-इन्वेस्टिगेशन के दौरान पुलिस ने CCTV फुटेज, वीडियो और 10 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए।

  • सभी गवाहों ने हलफनामा देकर कहा कि फरहाना उस दिन छत पर नहीं थी।
  • जिकरा और मरियम ने भी स्वीकार किया कि पत्थर उन्होंने फेंके थे, फरहाना नहीं।
  • पुलिस अधिकारियों ने भी माना कि फरहाना के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला।

20 फरवरी को घर लौटी फरहाना

फरहाना को जब जेल से रिहा किया गया, तो उसकी आंखों में आंसू थे। परिवार के लोग भी इंसाफ मिलने पर भावुक हो गए। हालांकि, 87 दिन तक जेल में बिताने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था।

और पढ़ें: Journalist Raghvendra Bajpai Murder: पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हुई दर्दनाक हत्या, सच्चाई की कीमत बनी जान, परिवार में कोहराम

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds