Shashi Tharoor on Pakistan: पाकिस्तान के काले कारनामों को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए टीम इंडिया एक महत्वपूर्ण वैश्विक मिशन पर निकल चुकी है। कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के नेतृत्व में शनिवार सुबह एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया के लिए रवाना हो गया है। इस मिशन का उद्देश्य पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों और साजिशों से संबंधित सच्चाईयों को संबंधित देशों में स्पष्ट करना है।
शशि थरूर का स्पष्ट रुख- Shashi Tharoor on Pakistan
प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्वकर्ता शशि थरूर ने मीडिया से बातचीत में भारत की विदेश नीति और कूटनीति पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति पारदर्शिता और संवाद की परंपरा पर आधारित है, लेकिन इसे मध्यस्थता कहना गलत होगा। थरूर ने बताया कि भारत ने न तो पाकिस्तान और न ही किसी अन्य पक्ष के बीच औपचारिक मध्यस्थता की भूमिका निभाई है।
थरूर ने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर कोई देश हमसे संपर्क करता है और हम उसे अपनी रणनीतियों के बारे में बताते हैं तो क्या इसे मध्यस्थता कहा जाएगा? मुझे नहीं लगता।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत के विदेश मंत्री हमेशा सार्वजनिक रूप से उन संपर्कों की जानकारी साझा करते हैं जो विदेशों से होते हैं।
भारत का साझा रुख विदेशों में
शशि थरूर ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य भारत का एकजुट और स्पष्ट रुख विदेशों में पेश करना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी प्रतिनिधिमंडलों को ब्रीफिंग दी है ताकि वे एक साझा संदेश के साथ विदेश यात्रा करें। थरूर ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व करते समय पार्टी के मतभेद पीछे रह जाते हैं और सभी सांसद राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हैं।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद
इस मिशन में कांग्रेस के अलावा एलजेपी, जेएमएम, टीडीपी, भाजपा और शिवसेना के सांसद भी शामिल हैं। शशि थरूर ग्रुप 5 का नेतृत्व कर रहे हैं, जो अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया के दौरे पर है।
ट्रंप के मध्यस्थता दावे पर भारत की प्रतिक्रिया
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अमेरिका की मध्यस्थता का दावा किया था। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने संघर्षविराम स्थापित करने में सहायता की है, जो व्यापार वार्ताओं के माध्यम से संभव हुआ। हालांकि, भारत सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह संघर्षविराम दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधे संवाद का परिणाम था, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का।
मिशन का महत्व
यह मिशन भारत की विदेश नीति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को उजागर करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। भारत की यह पहल उसके हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
शशि थरूर और उनके साथ के सांसद इस प्रतिनिधिमंडल के जरिए विश्व समुदाय को भारत की सच्चाई समझाने के साथ-साथ देश की छवि को भी मजबूत करने का प्रयास करेंगे। इस यात्रा को भारत की कूटनीति की एक सक्रिय और सकारात्मक छवि माना जा रहा है।
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