नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई, सात दिन तक न नहाने का आदेश देने वाले चार डॉक्टर सस्पेंड

Strict action against ragging in Narendra Modi Medical College
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अहमदाबाद नगर निगम द्वारा संचालित शहर के नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की घटना सामने आई है। रैगिंग कमेटी की जांच के बाद शुक्रवार को चार सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन चारों डॉक्टरों पर जूनियर डॉक्टरों से रैगिंग करने का आरोप है। निलंबित डॉक्टरों में दो पुरुष और दो महिला डॉक्टर शामिल हैं। कथित तौर पर, दोनों छात्रों में से एक को दो साल और दूसरे को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। जबकि अन्य दो को 25 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की पीड़ा का खुलासा एचओडी आशीष पटेल ने किया। मणिनगर इलाके में स्थित यह कॉलेज अहमदाबाद नगर निगम की इकाई एएमसी मेडिकल एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है।

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16 मई को मिली थी शिकायत

नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज में 16 मई को रैगिंग का मामला सामने आया था। इसमें पीड़ित डॉक्टरों ने कहा था कि सीनियर्स द्वारा उन्हें लगातार अपमानित किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर एचओडी आशीष पटेल ने पहले सीनियर और जूनियर डॉक्टरों की बैठक बुलाकर मामले को अंदर ही अंदर सुलझाने की कोशिश की। यहां मामला नहीं सुलझने पर तीन दिन बाद जूनियर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज डीन को मामले की जानकारी दी।

एक ही बात कई बार लिखवाते थे सीनियर

मालूम हो कि ये चार छात्र अपने जूनियर से कई बार प्रिस्किपशन लिखवाते थे और साथ ही उनके साथ गलत भाषा का इस्तेमाल भी करते थे। सीनियर छात्रों की तरफ से अपने जूनियर छात्रों को 7 दिन तक नहीं नहाने का आदेश भी दिया गया था। साथ ही कई बार मरीज़ की दवाइयों के प्रिस्किपशन 500 से 600 बार लिखवाये जाते थे।

परिजनों ने की कॉलेज में शिकायत

मामला सामने आते ही कॉलेज की डीन डॉ.दीप्ति शाह ने पूरी जांच के बाद चार छात्रों को निलंबित करने का फैसला लिया। एंटी-रैगिंग कमेटी ने डॉ. वृज वाघानी और डॉ. शिवानी पटेल को 2 साल के लिए निलंबित कर दिया है, जबकि बाकी दो डॉक्टरों को रैगिंग में उनकी भूमिका के लिए 25-25 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। दिन में बाद में पूरा करना होगा। अन्य दो डॉक्टरों में अनेरी नायक और करणकुमार पारेजिया शामिल हैं।

मामले की जानकारी देते हुए डीन ने कहा कि ये सभी छात्र प्रथम वर्ष में थे, उनके माता-पिता ने इस मामले में हमसे बात की। डीन ने आगे कहा, बच्चों के माता-पिता के कॉलेज आने के बाद कॉलेज काउंसिल की बैठक बुलाई गई और सभी की बातें सुनी गईं। डीन का कहना है कि वह रैगिंग के प्रति जीरो टॉलरेंस में विश्वास रखते हैं, इसलिए गहन जांच के बाद इन चारों को निलंबित करने का फैसला लिया गया।

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