The Kashmir War History: कश्मीर की जंग कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह एक लंबी और जटिल कहानी है, जो लगभग आठ दशकों से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी है। पाकिस्तान ने हमेशा कश्मीर को अपना हिस्सा बनाने के लिए भारत के खिलाफ अपनी नापाक चालें चली हैं। इसी संघर्ष में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर से युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। यह हमला कश्मीर में एक और जख्म की तरह है, जो पाकिस्तान की नापाक करतूतों का परिणाम है। इस खबर में हम कश्मीर के जख्मों और उसके इतिहास की पूरी कहानी पर एक नजर डालते हैं।
कश्मीर पर कबायली हमला (1947)- The Kashmir War History
जम्मू कश्मीर की राजनीति में पाकिस्तान का हस्तक्षेप 1947 में उस समय शुरू हुआ, जब कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने कश्मीर को स्वतंत्र रखने का निर्णय लिया था। पाकिस्तान ने कश्मीर को अपना हिस्सा बनाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया और 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान के इशारे पर हज़ारों कबायली कश्मीर में घुस आए। इस कबायली हमले ने कश्मीर की सूरत बदल कर रख दी थी। यह हमला एक साल दो महीने और तीन दिन तक चला। पाकिस्तान द्वारा भेजे गए इन कबायली हमलावरों ने लूटपाट, हत्या और बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया। उन्होंने मुज़फ्फराबाद, डोमेल और उरी तक के इलाकों पर कब्जा कर लिया।

महाराजा हरि सिंह के पास तीन विकल्प थे: कश्मीर को पाकिस्तान को सौंप दें, खुद लड़ाई करें (जो असंभव था) या फिर भारत से मदद लें। महाराजा ने भारत के साथ कश्मीर का विलय करने का निर्णय लिया, और इसके बाद भारतीय सेना ने कश्मीर की रक्षा में कदम रखा। भारतीय सेना ने बहादुरी से मुकाबला करते हुए कश्मीर के दो-तिहाई हिस्से पर कब्जा किया। इस संघर्ष के बाद संयुक्त राष्ट्र में मामला पहुंचा, और 5 जनवरी 1949 को सीज़फायर हुआ, जिसके बाद लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) का निर्माण हुआ।
भारत-पाकिस्तान युद्ध और संघर्ष
कश्मीर संघर्ष यहां खत्म नहीं हुआ, बल्कि इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से तीन युद्ध लड़े:
- 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध – इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 2,000 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा किया। भारत के 3,264 जवान शहीद हुए, जबकि पाकिस्तान के 3,500 सैनिक मारे गए।
- 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध – इस युद्ध के बाद पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया, और बांग्लादेश का जन्म हुआ। भारत ने 15,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा किया, लेकिन शिमला समझौते के तहत उसे वापस कर दिया गया। इस युद्ध में भारत के 3,843 सैनिक शहीद हुए।
- 1999 करगिल युद्ध – यह युद्ध अब तक का सबसे खर्चीला था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा कब्जे किए गए पोस्टों को वापस लिया। इस युद्ध में 522 भारतीय जवान शहीद हुए, जबकि पाकिस्तान के 700 सैनिक मारे गए।
आतंकी हमले और पहलगाम में युद्ध जैसे हालात
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर से युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए। इस हमले ने भारतीय सेना को खुली छूट दी है और स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है। यह घटना पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का एक और उदाहरण है, जो कश्मीर की स्थिति को और भी जटिल बना देती है।
अगर भारत और पाकिस्तान के बीच आज युद्ध होता है, तो यह अब तक की सबसे महंगी जंग साबित हो सकती है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही यह संघर्ष और भी विकट रूप ले सकता है, जो न केवल कश्मीर बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है।