बिहार: 1750 करोड़ की लागत वाला एक ही पुल 2 साल में 2 बार गिरा, नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट का बंटाधार

Bihar bridge collapse
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बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल रविवार शाम को गिर गया. वहीं ये पुल पिछले साल भी गिरा था और इस दौरान कई लोगों की मौत भी हुई थी और अब एक बार फिर से रविवार शाम को ये पुल गिर गया. वहीं इस मामले को भ्रष्टाचार की नजर से देखा जा रहा है. क्योंकि जब भी कभी ऐसे घटना हुई है तब नितीश सरकार के इस मामले पर अलग ही बयान और रिपोर्ट पेश है.

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1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था पुल 

जानकारी के अनुसार, भागलपुर में गंगा नदी पर जो पुल बन रहा है वो 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था. ये पुल भागलपुर और खगड़िया जिलों को जोड़ने के लिए अगुवानी और सुल्तागंज के बीच बन रहा था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2014 में इस पुल का शिलान्यास किया था. वहीं रविवार के चलते इस निर्माणाधीन पुल का निर्माण कार्य बंद था. ऐसे में पुल पर कोई भी मजदूर मौजूद नहीं था.

CM नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट पर उठे सवाल 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, निर्माणाधीन पुल के 10वे, 11वें और 12वें पाये का पूरा हिस्सा टूटकर नदी में गिरा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि टूटे हुए हिस्से की लंबाई 100 मीटर से अधिक थी. वहीं, इस घटना पर जदयू नेता और परबत्ता विधायक परबत्ता विधायक संजीव कुमार ने कहा है कि यह सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस पुल की क्वालिटी को लेकर उन्होंने विधानसभा में भी सवाल उठाए थे. लेकिन पुल बनाने वाली कंपनी एसपी सिंगला ने खराब क्वालिटी के तहत काम किया. साथ ही उन्होंने कहा है कि पुल बिना किसी कारण के कैसे गिर सकता है? इसकी उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए.

1700 करोड़ की लागत वाले इस पुल के टूटने पर भाजपा नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है, “नीयत में जब खोट होगी तो नीति कैसे सफल होगी. एक बार सुलतानगंज की तरफ पुल गिरा था और आज खगड़िया की ओर गिरा है. कई पुल पुर्णिया में भी गिरे हैं, बिहार के अंदर यह कमीशनखोरी की प्रथा गुणवत्ता विहीन काम चरम पर है. जिसकी छवि दिखाई दे रही है.”

बिहार में हो रहा भ्रष्टाचार

वहीं बिहार में कुछ वर्ष पूर्व एक बांध में रिसाव होने के मामले में भी कहा गया था कि चूहों ने बांध का एक हिस्सा काट दिया जिस कारण यह हादसा हुआ. वहीं इस पुल के टूटने की वजह भी भ्रष्टाचार बताया जा रहा है.  इससे पहले बिहार के भागलपुर में ही अप्रैल महीने में पुल का एक हिस्सा टूटकर गिर गया था. वहीं, इससे पहले बेगूसराय और पूर्णिया में भी पुल गिरने का मामला सामने आ चुका है.

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