Train Food Order: भारतीय रेल में यात्रा करना हमेशा किसी न किसी कारण चर्चा में रहता है। कभी ट्रेन की देरी, तो कभी पेंट्री कार के खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं। हाल ही में भारतीय रेलवे को लेकर एक और दिलचस्प रिपोर्ट सामने आई है। साल 2024-25 के दौरान रेलवे को खाने-पीने की गुणवत्ता को लेकर 6,645 शिकायतें मिलीं। यह आंकड़ा भारतीय रेल के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आया है।
खराब भोजन की शिकायतों का आंकड़ा- Train Food Order
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले साल कुल 6,645 शिकायतें आईं। इनमें से 1,341 मामलों में खाने की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना भी लगाया गया। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले साल 2023-24 में 7,026 शिकायतें आई थीं, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा 4,421 था। 2021-22 में खाने की गुणवत्ता को लेकर कुल 1,082 शिकायतें दर्ज की गई थीं। इस बढ़ती शिकायतों की संख्या ने रेलवे प्रशासन को गंभीर चिंता में डाल दिया है।
शिकायतों पर की गई कार्रवाई
सीपीआई (M) के सांसद जॉन ब्रिटास ने सवाल किया था कि ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता पर कार्रवाई कैसे की जाती है और कंपनियों को ठेके देने में पारदर्शिता बरती जाती है या नहीं। इस सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि शिकायतों पर रेलवे प्रशासन ने कई कदम उठाए। इनमें से 2,995 मामलों में कैटरिंग ठेकेदारों को चेतावनी दी गई, जबकि 547 मामलों में उन्हें उचित सलाह दी गई। बाकी बचे 762 मामलों में दूसरी कार्रवाई की गई। इसके अलावा, अनहाइजेनिक तरीके से तैयार किए गए भोजन को जब्त किया गया था।
क्या अस्वच्छ भोजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई?
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद जॉन ब्रिटास ने यह सवाल भी पूछा था कि क्या रेलवे ने अनहाइजेनिक तरीके से तैयार किए गए भोजन को जब्त किया है। इस सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा, “अगर खाने में मिलावट या अस्वच्छता पाई जाती है या यात्री शिकायत करते हैं, तो तुरंत कार्रवाई की जाती है। इसमें जुर्माना लगाना, अनुशासनात्मक कार्रवाई करना, काउंसलिंग करना और चेतावनी देना शामिल है।”
क्या एक ही ठेकेदार को कई ट्रेन रूट्स का ठेका मिला है?
ब्रिटास ने यह भी सवाल किया था कि क्या IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) ने वंदे भारत और लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए एक ही ठेकेदार को अलग-अलग नामों से ठेके दिए हैं। रेल मंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि IRCTC ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के तौर पर सभी ठेके पारदर्शी प्रक्रिया के तहत दिए हैं। जो ठेकेदार सबसे ऊंची बोली लगाता है, उसे ही टेंडर दिया जाता है।
भोजन की गुणवत्ता पर पूरी नजर
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रेलवे प्रशासन ने भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। खासकर अब ट्रेनों में भोजन तैयार नहीं किया जाता, बल्कि उसे बेस किचन में तैयार किया जाता है और फिर ट्रेन में सप्लाई किया जाता है। इस दौरान ठेकेदारों के बेस किचन को आधुनिक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, बेस किचन में CCTV कैमरे लगाए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। फूड सेफ्टी सुपरवाइजर यह सुनिश्चित करते हैं कि खाना साफ-सफाई से तैयार किया जाए और अच्छी गुणवत्ता की सामग्री का ही इस्तेमाल हो।