Transformation of Delhi Zoo: दिल्ली चिड़ियाघर को जल्द ही निजी हाथों या किसी सोसाइटी के जिम्मे सौंपे जाने की संभावना प्रबल हो गई है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच इस संदर्भ में कई बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा परियोजना के मॉडल को अपनाकर दिल्ली चिड़ियाघर को आधुनिक रूप देने की योजना पर चर्चा हुई है।
वनतारा जैसा होगा नया दिल्ली चिड़ियाघर- Transformation of Delhi Zoo
सूत्रों के मुताबिक, देश की एक प्रमुख कंपनी इस प्रोजेक्ट को संभालने के लिए तैयार है। नई योजना के तहत चिड़ियाघर में वन्यजीवों को उनकी प्राकृतिक जीवनशैली के करीब वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनमें एयर-कंडीशन्ड मेडिकल यूनिट्स, मॉडर्न रिहैबिलिटेशन सेंटर शामिल होंगे। जानवरों को खुले जंगल जैसी आज़ादी देने की भी योजना है ताकि वे अपनी प्राकृतिक प्रवृत्ति के अनुसार जीवन बिता सकें।
साथ ही, लुप्तप्राय वन्यजीवों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ऐसे जानवरों का रेस्क्यू कर उनका इलाज और पुनर्वास भी यहां किया जाएगा। प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चिड़ियाघर का डिज़ाइन विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया जा रहा है, जिसमें वन्यजीवों के लिए जंगल जैसा वातावरण और पर्यटकों के आकर्षण को ध्यान में रखा जा रहा है।
लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण और नई सुविधाएं
दिल्ली चिड़ियाघर में कुछ प्रजातियों के वन्यजीव समय के साथ लगभग समाप्त हो चुके हैं। कुछ प्रजातियां यहां के जलवायु अनुकूल नहीं हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए पानी के नीचे एक बाड़ा बनाया जाएगा, जहां विजिटर्स लुप्तप्राय मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे जलीय जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकेंगे। इसके अलावा वॉक-थ्रू एवियरी (पक्षियों के लिए खुला बाड़ा) भी विकसित किया जाएगा, जिसमें पक्षियों के लिए प्राकृतिक हरी-भरी वनस्पतियां लगाई जाएंगी।
बंदरों की विदेशी प्रजातियों को भी दिल्ली चिड़ियाघर में लाया जाएगा, जिनका अभी अभाव है। इस तरह, चिड़ियाघर को विविधता और जीवों की संख्या के लिहाज से मजबूत बनाया जाएगा।
वनतारा परियोजना: एक सफल संरक्षण मॉडल
वनतारा गुजरात के जामनगर में स्थित एक वन्यजीव संरक्षण परियोजना है, जिसकी स्थापना अनंत अंबानी ने की है। यह परियोजना रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से संचालित होती है। वनतारा करीब 3000 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और घायल, संकटग्रस्त तथा लुप्तप्राय जीवों को सुरक्षित आवास प्रदान करती है।
वनतारा ने संरक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में कई सफलताएं हासिल की हैं और इसे देशभर में वन्यजीव संरक्षण का एक आधुनिक उदाहरण माना जाता है। इसी मॉडल को अपनाकर दिल्ली चिड़ियाघर को भी एक नए युग में प्रवेश दिलाने की तैयारी हो रही है।
पर्यावरण मंत्रालय और पीएमओ की पहल
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने दिल्ली चिड़ियाघर के भविष्य को लेकर बैठकें की हैं। उनका मानना है कि निजी क्षेत्र या सोसाइटी को संचालन सौंपने से चिड़ियाघर का रखरखाव बेहतर होगा और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके वन्यजीव संरक्षण को एक नई दिशा मिल सकेगी।
इस पहल के तहत न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दिल्ली जैसे बड़े शहर में लोगों को भी वन्यजीवों के करीब आने का बेहतर अवसर मिलेगा। पर्यटन और शिक्षा के लिहाज से भी यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।