'नाराजगी' पड़ी त्रिवेंद्र रावत को भारी, नहीं बचा पाए मुख्यमंत्री की कुर्सी…अगले एक साल कौन संभालेगा उत्तराखंड की बागडोर?

'नाराजगी' पड़ी त्रिवेंद्र रावत को भारी, नहीं बचा पाए मुख्यमंत्री की कुर्सी…अगले एक साल कौन संभालेगा उत्तराखंड की बागडोर?

इस वक्त की बड़ी खबर उत्तराखंड से सामने आ रही हैं। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। रावत ने अब से थोड़ी देर पहले ही उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या  से मुलाकात की थीं और उनको अपना इस्तीफा सौंपा। 

इस्तीफा देने के बाद रावत ने उत्तराखंड की जनता का धन्यवाद किया। वो बोले कि उत्तराखंड के सीएम पद पर रहना मेरा सौभाग्य था। मैं छोटे से गांव से लेकर इस पद तक पहुंचा। ये कभी नहीं सोचा था कि यहां तक पहुंच पाऊंगा। अब किसी और को मौका दिया जाना चाहिए। जब उसने पत्रकारों ने इस्तीफा देने की वजह पूछी तो इसके जवाब में त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले कि इसके लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा। इस सवाल का जवाब आपको पार्टी आलाकमान से पूछना होगा।

उत्तराखंड की सियासत में मची थी हलचल

बीते कुछ दिनों से उत्तराखंड की राजनीति में सियासी बवाल मचा हुआ था। दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने ही पार्टी के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा था। कई मंत्री और विधायक उनसे नाराज चल रहे थे। जिसकी वजह से उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं जताई जाने लगी थीं। 
बीते दिन हलचल तब और बढ़ गई, जब बीजेपी आलाकमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली तलब किया।

इसके बाद से ही ऐसी संभावना जताई जा रही थीं कि रावत के हाथों से मुख्यमंत्री की कुर्सी जाएगी।

उन्होनें दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं से मुलाकात की थीं। अब मंगलवार को गवर्नर से मिलकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना इस्तीफा उनको सौंप दिया। 

नए सीएम के लिए ये नाम आए सामने 

त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद अब राज्य का सीएम किसको बनाया जाएगा? इसको लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। कई नाम सामने आ रहे हैं, जिसमें धन सिंह रावत, अनिल बलूनी, सतपाल महाराज, अजय भट्ट और रमेश पोखरियाल निशंक के नाम शामिल हैं। 
बुधवार को बीजेपी ने उत्तराखंड के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें नई मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मुहर लगने की संभावनाएं है। कल सुबह 11 बजे देहरादून में ये बैठक होगी। पार्टी की तरफ से रमन सिंह और दुष्यंत गौतम को पर्यवेक्षक के तौर पर देहरादून भेजा जाएगा। 

क्यों रावत से नाराज थे विधायक और मंत्री?

दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया था। कई मंत्री और विधायकों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। उत्तराखंड में पार्टी का एक गुट लंबे वक्त से सीएम बदलने की मांग कर रहा है। उन पर ये आरोप लग रहे थे कि मुख्यमंत्री ना तो उनकी समस्याओं के समाधान पर ध्यान देते हैं और ना ही उनके अधिकारी उनको गंभीरता से लेते हैं। मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर असंतुष्ट विधायक और मंत्री पार्टी आलाकमान से लगातार शिकायतें करते रहे हैं।

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