Trump 50% Tariff On India: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” पॉलिसी एक बार फिर भारत के लिए भारी पड़ रही है। भारत पर अब 50% तक का हाई टैरिफ लागू हो चुका है, जिससे देश के करीब 48 अरब डॉलर के निर्यात पर सीधा असर पड़ सकता है। ये टैरिफ भारत के सबसे बड़े एक्सपोर्ट मार्केट, अमेरिका में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा को सीधे कमजोर करेगा।
भारत अब ब्राजील के साथ सबसे ज्यादा टैरिफ झेलने वाला देश- Trump 50% Tariff On India
इस एक्स्ट्रा टैरिफ के लागू होते ही भारत ब्राजील के साथ मिलकर उन देशों की लिस्ट में आ गया है, जो अमेरिका में सबसे ज्यादा टैरिफ झेलते हैं। पहले जुलाई में 25% टैरिफ लगाया गया था, लेकिन अब अगस्त में डोनाल्ड ट्रंप ने अतिरिक्त 25% टैक्स और जोड़ दिया है। ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, यह निर्णय भारत द्वारा रूसी तेल और हथियारों की खरीद को लेकर लिया गया है यानी ये टैरिफ भारत के खिलाफ एक तरह की आर्थिक सजा है।
12 सेक्टर्स पर सबसे बड़ा असर
भारत के जिन सेक्टर्स को इस फैसले से सबसे ज्यादा झटका लगने वाला है, उनमें कपड़ा, जूते, फर्नीचर, हैंडीक्राफ्ट्स, स्टील, ऑटो पार्ट्स और खिलौने जैसे क्षेत्र शामिल हैं। क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन क्षेत्रों में अमेरिका को होने वाला निर्यात 70% तक घट सकता है, जिससे न सिर्फ व्यापार बल्कि रोज़गार पर भी खतरा मंडरा रहा है।
हालांकि, कुछ सेक्टरों को अभी राहत मिली हुई है जैसे कि फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जो भारत के कुल निर्यात का करीब 30% हिस्सा हैं और जिन पर फिलहाल टैरिफ नहीं लगा है।
तिरुपुर से जोधपुर तक असर, उत्पादन धीमा पड़ा
देश के कई बड़े प्रोडक्शन हब जैसे तिरुपुर, नोएडा, सूरत, विशाखापट्टनम और जोधपुर में टैरिफ का असर दिखने लगा है। छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए अमेरिका में टिके रहना मुश्किल होता जा रहा है। क्रिसिल की रिपोर्ट बताती है कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो इस वित्तीय वर्ष में अमेरिका को भारत का एक्सपोर्ट 43% तक गिर सकता है।
भारत के प्रतिस्पर्धी देश फायदे में
टैरिफ का सबसे बड़ा फायदा उन देशों को हो रहा है जिन पर अमेरिका ने इतनी सख्ती नहीं की जैसे वियतनाम, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, चीन, तुर्की और मैक्सिको। ये देश अब अमेरिकी बाजार में भारत की जगह ले सकते हैं।
भारत की तैयारी: नया मिशन, नई रणनीति
हालात को देखते हुए भारत सरकार ने भी मोर्चा संभाल लिया है। केंद्र सरकार 25,000 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन पर काम कर रही है, जिसमें GST सुधार, SEZ अपग्रेडेशन, ग्लोबल ई-कॉमर्स, और ‘ब्रांड इंडिया’ को बढ़ावा देना शामिल है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि भारत टैरिफ के जवाब में कोई प्रतिशोध नहीं करेगा, लेकिन अपने निर्यातकों और रोज़गार की सुरक्षा के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल जरूर करेगा।
साथ ही भारत अब अमेरिका पर निर्भरता घटाने के लिए यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अन्य देशों के साथ FTA (मुक्त व्यापार समझौते) पर तेजी से काम कर रहा है।