Trump on India-Pakistan Ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए संघर्ष पर अपने अहम बयान दिए। उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व में अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ी युद्ध की स्थिति को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रंप के अनुसार, यदि अमेरिका हस्तक्षेप न करता तो यह संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता था।
संघर्ष की पृष्ठभूमि और अमेरिका का हस्तक्षेप- Trump on India-Pakistan Ceasefire
भारत और पाकिस्तान के बीच 2025 के मई महीने में तीन दिनों तक हिंसक संघर्ष हुआ था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद तेज हुआ था। इसके बाद, भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत हवाई हमले किए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इन घटनाओं ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।
ट्रंप ने 21वीं बार कहा 👇
मैंने भारत-पाकिस्तान की वॉर रुकवा दी. और ये मैंने व्यापार की धमकी देकर किया.
मैंने साफ कहा था- अगर तुम दोनों लड़ोगे तो कोई व्यापार नहीं होगा.
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फैक्ट: सीजफायर की सबसे पहली जानकारी ट्रंप ने ही पोस्ट की थी. इसके बाद भारत सरकार का आधिकारिक बयान आया. pic.twitter.com/jlCjyZhPaC
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) July 8, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संघर्ष के बारे में एक इंटरव्यू में कहा, “हमने बहुत सी लड़ाइयों को रोका है, जिनमें से एक बहुत बड़ी लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच थी। अमेरिका के हस्तक्षेप और व्यापारिक दबाव की नीति ने इस संघर्ष को नियंत्रित किया।” उनका कहना था कि अमेरिका ने दोनों देशों से यह स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि वे युद्ध की स्थिति में जाते हैं, तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापारिक संबंध नहीं रखेगा। ट्रंप के अनुसार, उस समय दोनों देशों की स्थिति गंभीर थी, और यह हो सकता था कि पाकिस्तान और भारत परमाणु हथियारों का उपयोग करने की योजना बना रहे हों।
सीजफायर का ऐलान और भारत का रुख
ट्रंप ने बताया कि अमेरिका के दबाव के कारण, 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ। हालांकि, भारत ने यह साफ किया था कि पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर की अपील की गई थी और ट्रंप का इसमें कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं था। भारतीय सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया कि भारत ने अमेरिका या ट्रंप की मध्यस्थता की भूमिका को नकारा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार कहा है कि भारत किसी भी प्रकार के न्यूक्लियर ब्लैकमेल के सामने झुकेगा नहीं और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में कोई समझौता नहीं करेगा।
कांग्रेस का हमला
वहीं ट्रंप के इस बयान के बाद, भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्रंप के बयान का वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि ट्रंप ने 21वीं बार यह दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका। कांग्रेस ने तंज करते हुए सवाल किया कि नरेंद्र मोदी ने देश की गरिमा के साथ समझौता क्यों किया और इस स्थिति में उनकी क्या भूमिका थी?