Union Cabinet Meeting: केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई अहम निर्णय लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत कुल 2,07,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही किसानों को सस्ते ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए ब्याज सहायता योजना (Interest Subvention Scheme) को भी हरी झंडी मिली है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए तीन प्रमुख परियोजनाओं को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
MSP के लिए 2,07,000 करोड़ रुपये का प्रावधान- Union Cabinet Meeting
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि खरीफ विपणन सत्र 2025-26 के लिए MSP को मंजूरी मिली है, जिसकी अनुमानित लागत 2,07,000 करोड़ रुपये होगी। यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर कम से कम 50% लाभ मिले। इस मूल्य निर्धारण में देश-दुनिया की फसल कीमतों, फसलों के बीच संतुलन और कृषि व गैर-कृषि क्षेत्रों के व्यापार संतुलन जैसे कई महत्वपूर्ण पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है।
ब्याज सहायता योजना का विस्तार
किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए ब्याज सबवेंशन योजना को भी मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत 15,642 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से किसानों को खेती, बागवानी व अन्य फसलों के लिए 3 लाख रुपये तक और सहायक कृषि गतिविधियों जैसे पशुपालन, मछली पालन के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। यह ऋण 7% सालाना की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध होगा, जिसमें सरकार 1.5% ब्याज सबवेंशन देगी। यदि किसान समय पर ऋण चुकाते हैं, तो उन्हें 3% अतिरिक्त छूट भी मिलेगी, जिससे किसानों को कुल 4% ही ब्याज चुकाना होगा।
इसके अलावा, 2 लाख रुपये तक के ऋण पर किसानों से कोई गारंटी नहीं ली जाएगी। देशभर के 449 बैंक और वित्तीय संस्थान इस योजना से जुड़े हैं, जो किसानों को ऋण लेने में सहूलियत प्रदान करेंगे।
तीन बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं मंजूर
मंत्रिमंडल ने तीन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है, जिनका उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इनमें पहला प्रोजेक्ट आंध्र प्रदेश के बदवेल से नेल्लोर तक 108 किलोमीटर लंबा 4-लेन हाइवे का निर्माण है। इस हाइवे का निर्माण 3,653 करोड़ रुपये की लागत से BOT (Build-Operate-Transfer) टोल मोड पर अगले 20 वर्षों में पूरा किया जाएगा। यह हाइवे राष्ट्रीय राजमार्ग-67 (NH-67) का हिस्सा होगा और कृष्णपट्टनम पोर्ट से सीधे संपर्क प्रदान करेगा।
यह मार्ग प्रमुख औद्योगिक कॉरिडोरों जैसे विशाखापत्तनम-चेन्नई (VCIC), हैदराबाद-बेंगलुरु (HBIC) और चेन्नई-बेंगलुरु (CBIC) से जुड़ेगा। इसके साथ ही, इससे हुबली, होस्पेट, बेल्लारी, गूटी, कडप्पा और नेल्लोर जैसे आर्थिक केंद्रों को भी फायदा होगा।
इसके अलावा, महाराष्ट्र में 135 किलोमीटर लंबी वर्धा-बल्लारशाह रेललाइन और मध्य प्रदेश में 41 किलोमीटर लंबी रतलाम-नागदा रेललाइन को चौड़ा करने की भी मंजूरी दी गई है, जिससे इन क्षेत्रों में परिवहन सुविधाएं बेहतर होंगी और व्यापार में वृद्धि होगी।