UP airports shutting down: यूपी में हवाई सपने ठप! उद्घाटन के बाद बंद पड़े सात एयरपोर्ट, उड़ानें बंद होने की क्या हैं असली वजहें?

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UP airports shutting down: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में हवाई अड्डों की बाढ़ सी आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को ‘हवाई कनेक्टिविटी का हब’ बनाने का सपना दिखाया था। लेकिन आज तस्वीर कुछ और ही दिखती है। दर्जनों एयरपोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं, करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, सैकड़ों कर्मचारी रोज ड्यूटी पर पहुंचते हैं लेकिन वहां से एक भी विमान नहीं उड़ता।

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लोकसभा चुनाव से पहले 10 मार्च 2024 को पीएम मोदी ने बुंदेलखंड के पहले एयरपोर्ट चित्रकूट एयरपोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन किया था। लेकिन उद्घाटन के महज चार महीने बाद ही यहां से उड़ानें बंद हो गईं। करीब एक साल से कोई यात्री विमान यहां से उड़ान नहीं भर सका। यही हाल पूर्वांचल के कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का है, जिसे पीएम मोदी ने 20 अक्टूबर 2021 को बड़े धूमधाम से शुरू किया था, लेकिन अब तक वहां से एक भी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट नहीं उड़ी।

चित्रकूट एयरपोर्ट: चार महीने में बंद हो गया बुंदेलखंड का सपना- UP airports shutting down

146 करोड़ रुपये की लागत से बना चित्रकूट एयरपोर्ट 10 मार्च 2024 को देशभर में लॉन्च हुए 12 नए टर्मिनलों में से एक था। उद्घाटन के दो दिन बाद यानी 12 मार्च को यहां से पहली 19 सीटर फ्लाइट लखनऊ के लिए उड़ी थी। ‘एयरबिग’ कंपनी ने 250 किलोमीटर की इस दूरी को महज 55 मिनट में पूरा किया। शुरू में हफ्ते में दो दिन उड़ानें थीं, फिर चार दिन तक बढ़ाई गईं। लेकिन 16 दिसंबर 2024 से फ्लाइट पूरी तरह बंद कर दी गईं।

एयरपोर्ट डायरेक्टर आलोक सिंह बताते हैं कि 26 अक्टूबर 2025 से उड़ानें फिर शुरू होनी थीं, एयरबिग कंपनी ने तैयारी भी कर ली थी, लेकिन आखिर समय में उन्होंने उड़ान रोकने का फैसला किया। कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि “ऑपरेशनल इश्यू” और “विजिबिलिटी की दिक्कतें” सामने आईं। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि यात्रियों की संख्या बहुत कम थी।

इस वक्त चित्रकूट एयरपोर्ट पर करीब 70 कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें 40 सीआईएसएफ के जवान भी शामिल हैं। सभी रोज ड्यूटी पर आते हैं, लेकिन रनवे पर कोई विमान नहीं उतरता।

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट: चार साल में एक भी विदेशी उड़ान नहीं

कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन अक्टूबर 2021 में पीएम मोदी ने किया था। इस मौके पर श्रीलंका से 125 लोगों का प्रतिनिधिमंडल विशेष विमान से पहुंचा था। उस वक्त लगा था कि जल्द ही कुशीनगर से विदेशों के लिए सीधी उड़ानें शुरू होंगी। लेकिन 47 महीने गुजर गए, अब तक यहां से कोई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट नहीं उड़ी।

स्पाइसजेट ने नवंबर 2021 में दिल्ली-कुशीनगर रूट पर उड़ानें शुरू की थीं, पर यात्रियों की कमी के चलते उन्हें भी बंद करना पड़ा। मार्च 2022 में वियतनाम से एक विमान जरूर आया था, लेकिन इसके बाद सब ठप हो गया।

एयरपोर्ट डायरेक्टर प्रणेश कुमार रॉय बताते हैं कि “यहां ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) नहीं लग पाया था। छह घरों के कारण इसका काम अटक गया था। अब वो तोड़ दिए गए हैं, जल्द सिस्टम लग जाएगा। इसके बाद ही कंपनियां उड़ानें शुरू कर पाएंगी।”

फिलहाल 170 कर्मचारी, जिनमें 150 सीआईएसएफ जवान शामिल हैं, यहां ड्यूटी करते हैं।

आजमगढ़, अलीगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती: एक जैसे हालात, यात्रियों की कमी से बंद उड़ानें

10 मार्च 2024 को जिन 12 हवाई अड्डों का उद्घाटन हुआ, उनमें यूपी के आजमगढ़, अलीगढ़, श्रावस्ती और मुरादाबाद भी शामिल थे। लेकिन इनका हाल भी चित्रकूट जैसा ही रहा।

  • आजमगढ़ एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए नवंबर 2024 तक उड़ानें चलीं, लेकिन यात्री कम मिलने के कारण फ्लाई बिग कंपनी ने उड़ानें स्थगित कर दीं।
  • अलीगढ़ एयरपोर्ट से लखनऊ की उड़ान एक महीने बाद ही बंद कर दी गई।
  • मुरादाबाद एयरपोर्ट से भी चार दिन की फ्लाइट शेड्यूल के बावजूद सेवा बंद कर दी गई।
  • श्रावस्ती एयरपोर्ट का मामला तो और दिलचस्प है। यहां रेलवे स्टेशन तक नहीं है, फिर भी एयरपोर्ट बना। लेकिन लखनऊ से सिर्फ 153 किलोमीटर दूर होने और यात्रियों की कमी के चलते यह भी बंद हो गया। लोग कहते हैं — “तीन घंटे में तो सड़क से लखनऊ पहुंच जाते हैं, फ्लाइट के लिए डेढ़-दो घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना झंझट लगता है।”

सहारनपुर एयरपोर्ट: उद्घाटन हुआ, उड़ान आज तक नहीं

20 अक्टूबर 2024 को पीएम मोदी ने सहारनपुर एयरपोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन किया था। 55 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एयरपोर्ट से अभी तक एक भी फ्लाइट नहीं उड़ी। सहारनपुर के व्यापारी कहते हैं, “हमें उम्मीद थी कि सूरत या मुंबई की फ्लाइट मिलेगी, लेकिन एक साल बाद भी कुछ नहीं हुआ। यह तो हमारे साथ धोखा है।”

पांच और एयरपोर्ट निर्माणाधीन — लेकिन सवाल वही

यूपी सरकार के मुताबिक मेरठ, ललितपुर, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी और नोएडा (जेवर) में नए एयरपोर्ट पर काम चल रहा है।

  • मेरठ एयरपोर्ट पर रनवे चौड़ा करने और आसपास की इमारतें हटाने की तैयारी है।
  • जेवर एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बताया जा रहा है। इसका पहला चरण लगभग पूरा हो चुका है और 30 अक्टूबर 2025 को इसके उद्घाटन की योजना है।
  • लखीमपुर खीरी के पलिया एयरपोर्ट से दिसंबर 2024 में ट्रायल फ्लाइट चली, लेकिन उसमें सिर्फ चालक दल के सदस्य और एक यात्री थे।
  • ललितपुर एयरपोर्ट डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए अहम बताया जा रहा है।
  • सोनभद्र के म्योरपुर एयरपोर्ट का काम कोर्ट केस के चलते अटका रहा, अब अप्रैल 2025 से फिर शुरू हुआ है।

सरकार का कहना है कि हर मंडल में एक एयरपोर्ट बनाने की योजना है, ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ सके। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पहले से बने कई एयरपोर्टों से कोई उड़ान नहीं है।

क्यों बंद हो रहीं उड़ानें? असली वजहें क्या हैं?

अधिकारियों और विमानन कंपनियों से बातचीत में तीन प्रमुख कारण सामने आते हैं —

  1. यात्रियों की कमी:
    जिन छोटे शहरों से उड़ानें शुरू हुईं, वहां के लोग अब भी ट्रेन या बस को ही सुविधाजनक मानते हैं। जैसे श्रावस्ती से लखनऊ सड़क से तीन घंटे में पहुंचा जा सकता है, जबकि फ्लाइट के लिए दो घंटे पहले पहुंचना और बाद में निकलने में लगने वाला वक्त जोड़ें, तो समय बचत नहीं होती।
  2. पास-पास बने एयरपोर्ट:
    कई नए एयरपोर्ट पहले से सक्रिय हवाई अड्डों के बेहद करीब हैं।

    • प्रयागराज से चित्रकूट सिर्फ 101 किमी,
    • गोरखपुर से कुशीनगर 51 किमी,
    • अयोध्या से श्रावस्ती 110 किमी,
    • लखनऊ से पलिया 160 किमी,
    • आगरा से अलीगढ़ 90 किमी।
      ऐसे में एक रूट पर यात्रियों का वितरण हो जाता है और उड़ानें घाटे में चली जाती हैं।
  3. ऑपरेशनल और तकनीकी दिक्कतें:
    कई जगह रनवे की लंबाई कम है, विजिबिलिटी या नेविगेशन सिस्टम अधूरे हैं। कुशीनगर में ILS न होने के कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।

“लोग हवाई यात्रा के आदि नहीं हैं” – अधिकारी

लखनऊ एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, “जहां-जहां फ्लाइट बंद हुईं, वहां से सिर्फ एक रूट, लखनऊ के लिए उड़ान थी। यात्रियों की संख्या स्वाभाविक रूप से कम रही। छोटे शहरों के लोग अभी हवाई यात्रा के आदी नहीं हैं। उन्हें लगता है कि इतने में तो सड़क से पहुंच जाएंगे।”

वे आगे कहते हैं, “फ्लाइट किराया भी एक फैक्टर है। लोग ट्रेन या बस की तुलना में दोगुना किराया देने में हिचकते हैं। कई यात्रियों के लिए हवाई यात्रा सिर्फ ‘पहली बार उड़ने का अनुभव’ भर रह गई।”

उद्योग जगत की नाराजगी

सहारनपुर के रायवाला कपड़ा मार्केट के कारोबारी राधेश्याम नारंग कहते हैं, “जब एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ, हमें लगा अब व्यापारिक यात्राएं आसान हो जाएंगी। दिल्ली या देहरादून जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन आज तक यहां एक भी विमान नहीं आया। यह हमारे साथ धोखा है।”

फिलहाल कौन से एयरपोर्ट चल रहे हैं?

यूपी में इस वक्त 3 अंतरराष्ट्रीय और 5 घरेलू एयरपोर्ट नियमित रूप से चल रहे हैं —

  • अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट: लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या।
  • घरेलू एयरपोर्ट: प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद और बरेली।

बाकी कई एयरपोर्ट या तो बंद हैं या फिर निर्माणाधीन।

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