UP-Bihar Flood Update: उत्तर भारत में इस बार मानसून ने कुछ ज्यादा ही कहर ढा दिया है। लगातार हो रही बारिश से गंगा और यमुना नदियां इस कदर उफान पर हैं कि यूपी और बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। खेत से लेकर घर तक, सड़क से लेकर स्कूल तक सबकुछ पानी में डूब चुका है। हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। प्रशासन राहत और बचाव में जुटा है, लेकिन हालात सुधरने के फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे।
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यूपी के 17 जिलों में बाढ़ का कहर- UP-Bihar Flood Update
उत्तर प्रदेश के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली, बलिया जैसे गंगा किनारे बसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। प्रयागराज का हाल तो ऐसा है कि गंगा और यमुना का संगम अब समंदर जैसा दिख रहा है। सलोरी, दारागंज, बघाड़ा, तेलियरगंज, राजापुर जैसे इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। यहां के मकानों में घुटनों से ऊपर तक पानी भर चुका है।
प्रयागराज में गंगा के तराई वाले क्षेत्रों की हालत बेहद खराब है। संगम पर स्थित बड़े हनुमानजी की मूर्ति पूरी तरह जल समाधि ले चुकी है। अब बस मंदिर की पताका नजर आ रही है। वहीं शंकर विमान मंडप और घाटों के मंदिर भी डूब चुके हैं।
NDRF की टीमें कर रही बचाव कार्य
एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में घर-घर जाकर लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में जुटी हैं। खाने-पीने का सामान, दवाइयां और जरूरी चीजें नावों के जरिए पहुंचाई जा रही हैं। कई ऐसे दृश्य सामने आए हैं जहां लोग अपने नवजात बच्चों को कमर तक पानी में लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
बिहार में भी हालात खराब, गंगा का जलस्तर खतरे के पार
यूपी के साथ-साथ बिहार में भी बाढ़ ने तबाही मचाई है। भागलपुर, नवगछिया, कहलगांव, सनोखर, और अजगैवीनाथ धाम समेत कई इलाके पानी में डूब चुके हैं। भागलपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। 3 अगस्त को सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 32.97 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो डेंजर लेवल 33.68 मीटर से महज कुछ सेंटीमीटर ही नीचे है।
नवगछिया के इस्माईलपुर और बिंद टोली में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर है। कोसी और घोघा जैसी सहायक नदियां भी उफान पर हैं, जिससे गांवों में कटाव और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। तटबंधों और स्पर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। स्पर संख्या नौ का एक हिस्सा टूटने के बाद स्पर संख्या आठ पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
कहलगांव के पकड़तल्ला, आमापुर, मार्कण्डेय टोला, पन्नुचक, कुशहा जैसे गांव बाढ़ से पूरी तरह घिर चुके हैं। बहियार में खड़ी फसलें – धान, मक्का, अरहर – सब बर्बाद हो गई हैं। ग्रामीणों को न राशन मिल पा रहा है, न चारा। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे और पशुओं के लिए चारे का संकट भी गहरा गया है।
अजगैवीनाथ धाम के आसपास के गांवों में लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर जा रहे हैं। कच्ची सड़कें पानी में समा चुकी हैं, लोग टीन की नाव से अपनी जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे हैं।
दर्दनाक हादसे भी सामने आए
बाढ़ के बीच दुखद खबरें भी आ रही हैं। भागलपुर के सनोखर थाना क्षेत्र के दो गांवों में पानी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई। कुशहा गांव में 15 साल का शमीम और बड़ी नाकी गांव में 5 साल का मुस्ताक अंसारी बाढ़ के पानी में डूब गए। दोनों बच्चों के परिवारों को स्थानीय प्रशासन ने सांत्वना दी और आर्थिक मदद दी गई।
मुख्यमंत्री ने बनाई राहत निगरानी टीम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात को देखते हुए 11 मंत्रियों की एक टीम बनाई है जो अपने-अपने जिलों में जाकर राहत कार्यों की निगरानी कर रही है। प्रयागराज और मिर्जापुर की जिम्मेदारी नंद गोपाल नंदी को दी गई है। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, राहत कैंप लगाने और जरूरी सामान मुहैया कराने में जुटा है।
क्या आगे सुधरेंगे हालात?
फिलहाल गंगा और यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन और बचाव दल पूरी तरह अलर्ट पर हैं, लेकिन चुनौती बड़ी है।