UP Drone Mystery: गाजियाबाद के करीब 25 गांवों में इन दिनों एक अजीब-सा डर पसरा हुआ है। वजह है – रात के अंधेरे में आसमान में दिखने वाले ड्रोन, जिनके बारे में कोई कुछ पक्का नहीं कह पा रहा। इन ड्रोन्स को लेकर जो अफवाहें फैली हैं, उसने लोगों की नींद उड़ा दी है। हालात ऐसे हैं कि गांवों में लोग रातभर लाठी-डंडा लेकर गश्त कर रहे हैं और शक के आधार पर अजनबियों से सख्त पूछताछ कर रहे हैं।
ये मामला गाजियाबाद जिले के मोदीनगर, मुरादनगर, निवाड़ी और भोजपुर थानाक्षेत्र के करीब 25 गांवों से जुड़ा है। गांववालों को शक है कि कोई गिरोह ड्रोन के जरिए उनके घरों की रेकी कर रहा है, ताकि बाद में चोरी या लूट जैसी वारदात को अंजाम दिया जा सके।
डर ने बना दी रातें बेचैन– UP Drone Mystery
गांववालों का कहना है कि रात करीब 10 बजे के बाद वे आपस में टीम बनाकर गलियों में पहरा देते हैं। बिखोखर, सीकरी खुर्द, मानकी, भोजपुर, फजलगढ़, ईशापुर, ग्यासपुर, कुम्हैड़ा, रावली कलां जैसे गांवों में खुद ही ड्यूटी प्वाइंट बना दिए गए हैं। हर प्वाइंट पर तीन-चार लोग तैनात रहते हैं और एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए हर गतिविधि की जानकारी साझा करते हैं।
ड्रोन से जुड़ी अफवाहों ने बढ़ाया तनाव
हालांकि अभी तक किसी भी ड्रोन को ज़ब्त नहीं किया गया है और न ही कोई आधिकारिक पुष्टि हुई है कि ये ड्रोन वाकई अपराध के मकसद से उड़ाए जा रहे हैं। लेकिन सोशल मीडिया और गांवों में फैली बातों ने लोगों में डर बैठा दिया है। पुलिस का कहना है कि ड्रोन उड़ाने की किसी को अनुमति नहीं दी गई है, ऐसे में अगर कोई उड़ा भी रहा है तो वह अवैध है।
गलतफहमी में मारपीट की घटनाएं भी
इस अफवाह का असर इतना गहरा हो गया है कि कुछ जगहों पर निर्दोष लोगों को भीड़ ने पकड़कर पीट दिया। 29 जुलाई को भोजपुर गांव में एक युवक अपनी प्रेमिका से मिलने गया था, लेकिन ग्रामीणों ने उसे चोर समझ लिया और मारपीट की। इसी तरह 31 जुलाई को बिसोखर में एक युवक अपने ससुराल गया था, वहां भी उसके साथ मारपीट हुई। ऐसी ही एक और घटना 27 जुलाई को फजलगढ़ गांव में हुई।
पुलिस की अपील: अफवाहों पर न दें ध्यान
इस पूरे मामले में पुलिस अब एक्टिव हो गई है। अधिकारियों ने गांवों में रात की गश्त बढ़ा दी है और बीट कॉन्स्टेबल को लोगों से लगातार संवाद करने के निर्देश दिए हैं। एसीपी मोदीनगर अमित सक्सेना ने साफ कहा है, “कोई भी संदिग्ध चीज़ दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, खुद कानून हाथ में न लें।”
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि ड्रोन उड़ाने के लिए DGCA की अनुमति जरूरी होती है और किसी भी संवेदनशील क्षेत्र में बिना इजाजत ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी है।
अब क्या?
गांवों में डर अब भी बना हुआ है। लोग कह रहे हैं कि जब तक पुलिस कोई ठोस एक्शन नहीं लेती या असल वजह सामने नहीं आती, तब तक वे पहरा देना बंद नहीं करेंगे। ये डर कब थमेगा, यह फिलहाल कहना मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि अफवाहों ने लोगों को एकजुट जरूर कर दिया है—भले ही डर की वजह से ही सही।