UP News: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के कालिंजर थाना क्षेत्र में एक महिला ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराने के बाद अब जांच कर रहे दरोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने आरोप लगाया कि दरोगा ने उसके साथ अश्लील बातें कीं और आरोपी ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज मामले में दबाव डालते हुए आरोपियों के नाम हटाने की धमकी दी। इस मामले में पीड़िता ने दरोगा द्वारा की गई अश्लील बातचीत की रिकॉर्डिंग पुलिस अधीक्षक (SP) को सौंपी है, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी दरोगा को पुलिस लाइन अटैच कर दिया। इसके अलावा मामले की जांच क्षेत्राधिकारी नरैनी को सौंप दी गई है।
क्या है मामला? (UP News)
पीड़िता ने 15 जून को कालिंजर थाने में अपने पति और ससुराल पक्ष के अन्य लोगों के खिलाफ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। मामले की विवेचना की जिम्मेदारी बरछा चौकी के प्रभारी पवन कुमार को सौंपी गई थी। महिला का आरोप है कि दरोगा ने उसे फोन कर अभद्र बातें कीं और केस में नामजद आरोपियों के नाम हटाने की धमकी दी। इसके बाद दरोगा ने महिला को कई बार फोन किया और अश्लील बातें की, जैसे कि, “तुम इतनी खूबसूरत हो… तुम्हें 10 आदमी मिल जाएंगे… तुम्हारा चेहरा मासूम है, छूने का मन करता है”। महिला ने इन अभद्र बातों की रिकॉर्डिंग कर ली और उन्हें पुलिस अधीक्षक के पास भेजा।
महिला की आपबीती
महिला ने बताया कि उसकी शादी 2016 में श्याम जी पांडेय से हुई थी। शादी के बाद से ही वह ससुराल में मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार हो रही थी। कई बार उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया गया और मायके वालों से भी कोई सहारा नहीं मिला। महिला ने यह भी बताया कि अब ससुराल वाले जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और दरोगा भी उस पर दबाव डाल रहा था। उसने आगे बताया कि दरोगा की अश्लील बातों ने उसे और ज्यादा परेशान कर दिया था, जिसके बाद उसने पुलिस अधीक्षक से मदद मांगी।
प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपी दरोगा को तत्काल पुलिस लाइन अटैच कर दिया और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए क्षेत्राधिकारी नरैनी को सौंप दी। क्षेत्राधिकारी बबेरू सौरभ सिंह ने बताया, “इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विवेचना अधिकारी को बदल दिया गया है और महिला की शिकायतों की जांच उच्च स्तर पर कराई जा रही है।”
सुरक्षा और न्याय की उम्मीद
यह मामला प्रशासन की कार्यप्रणाली और पुलिस की जिम्मेदारी पर सवाल उठाता है। जहां एक ओर महिला ने अपने ससुराल वालों से संघर्ष कर केस दर्ज कराया, वहीं दूसरी ओर उसे न्याय दिलाने के बजाय पुलिस द्वारा ही शोषण का सामना करना पड़ा। अब प्रशासन ने कदम उठाते हुए इस मामले की जांच उच्च स्तर पर शुरू कर दी है, जिससे पीड़िता को उम्मीद है कि उसे न्याय मिलेगा।