IPS Rajeev Narain Mishra: उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह सख्त दिख रहे हैं। सोमवार देर रात राज्य सरकार ने 2010 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी राजीव नारायण मिश्र को नोएडा का अपर पुलिस आयुक्त नियुक्त किया। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति के तहत किए गए प्रशासनिक फेरबदल का हिस्सा है, जिसमें आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए हैं।
आईपीएस राजीव नारायण मिश्र को पहले पीएसी ईस्ट जोन, प्रयागराज में तैनाती थी। अब उन्हें नोएडा में अपर पुलिस आयुक्त के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी कड़ी मेहनत और शानदार प्रशासनिक कार्यशैली ने उन्हें उत्तर प्रदेश के सबसे काबिल आईपीएस अधिकारियों में से एक बना दिया है।
आईपीएस राजीव नारायण मिश्र की जीवनी- IPS Rajeev Narain Mishra
राजीव नारायण मिश्र का जन्म 30 अक्टूबर को कानपुर नगर में हुआ था। विजयादशमी के दिन जन्मे राजीव नारायण मिश्र के पिता उत्तर प्रदेश सरकार में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी थे। उनकी मां, मनोरमा मिश्रा एक शिक्षित गृहिणी थीं और साहित्य रत्न की उपाधि प्राप्त थीं। राजीव की प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई, क्योंकि उनके पिता का तबादला अक्सर होता रहता था। बाद में उन्होंने कानपुर में अपनी माध्यमिक और उच्च शिक्षा पूरी की।
राजीव नारायण मिश्र ने बीकॉम और एमकॉम की डिग्री क्राइस्टचर्च कॉलेज, कानपुर से हासिल की। इसके बाद उन्होंने शासकीय सेवाओं के साथ-साथ, रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली से पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त की। उन्होंने कानपुर की एक निजी कंपनी में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में भी काम किया और बाद में पीपीएन डिग्री कॉलेज कानपुर में प्रवक्ता के तौर पर अपना योगदान दिया।
प्रारंभिक करियर और सरकारी सेवाओं में प्रवेश
आईपीएस राजीव नारायण मिश्र का करियर (IPS Rajeev Narain Mishra Career) प्रारंभिक दिनों में ही काफी विविधतापूर्ण था। पुलिस सेवा में आने से पहले उन्होंने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से पीसीएस (पब्लिक सर्विस) संवर्ग में चयनित होकर खंडवा जिले में अपनी सेवाएं दी थीं। इसके बाद भारतीय पुलिस सेवा में चयन के बाद, उन्होंने वाराणसी, अयोध्या, बरेली, मेरठ, नोएडा, कुशीनगर, और लखनऊ जैसे महत्वपूर्ण शहरों में कार्य किया।
सिंगापुर पुलिस की कार्यप्रणाली को समझने का अवसर भी उन्हें मिला, जो उनके प्रशिक्षण का एक अहम हिस्सा था। आईपीएस राजीव नारायण मिश्र की कार्यशैली और साहसिक निर्णयों ने उन्हें एक जांबाज पुलिस अधिकारी के रूप में स्थापित किया है।
परिवार और व्यक्तिगत जीवन
आईपीएस राजीव नारायण मिश्र (IPS Rajeev Narain Mishra lifestyle) की पत्नी, दीपिका मिश्रा भी कानपुर की रहने वाली हैं और धर्म तथा अध्यात्म में विशेष रुचि रखती हैं। वह सोशल मीडिया के माध्यम से समाज को लाभान्वित करती रहती हैं। उनके बेटे अंशुमान मिश्र, जो दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल कर चुके हैं, वर्तमान में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम कर रहे हैं। उनकी बेटी उर्वी मिश्रा एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की छात्रा हैं।
राजीव नारायण मिश्र का परिवार उनके जीवन का अहम हिस्सा है और उनके व्यक्तिगत जीवन में भी उनके परिवार का समर्थन उन्हें हमेशा प्रेरित करता रहा है।
राजीव नारायण मिश्र की कार्यशैली और उपलब्धियां
आईपीएस राजीव नारायण मिश्र की कार्यशैली उन्हें एक साहसी और निर्णायक अधिकारी बनाती है। उनके द्वारा किए गए कई साहसिक निर्णयों ने पुलिस सेवा में उनकी छवि को मजबूत किया है। उनका पहला कार्यकाल वाराणसी जनपद में था, जहां उन्होंने बेहतर कानून व्यवस्था स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद अयोध्या, बरेली, मेरठ और नोएडा में भी उनकी कार्यशैली ने उन्हें पुलिस विभाग में एक मिसाल बना दिया।
उनकी बहादुरी और कार्यक्षमता के कारण उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां दी गईं, जिनमें प्रमुख कार्यक्षेत्र थे- जनपद कुशीनगर और लखनऊ में पुलिस की जिम्मेदारी निभाना। उनका अनुभव और दृष्टिकोण पुलिस विभाग में सुधार लाने में महत्वपूर्ण रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था पर सख्त नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक मजबूत और सख्त कदम उठाया है। उन्होंने प्रदेश के प्रशासन में समय-समय पर फेरबदल किए हैं और काबिल अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपकर राज्य की सुरक्षा और विकास को प्राथमिकता दी है।
राजीव नारायण मिश्र को गौतमबुद्ध नगर का अपर पुलिस आयुक्त नियुक्त करने का निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इसी नीति का हिस्सा है, जहां सुरक्षा और प्रशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
जब UP STF में ऑफिसर थें IPS राजीव नारायण मिश्र. यहां देखिए पूरा इंटरव्यू!