Why people leaving India: राज्यसभा में विदेश मंत्रालय से एक सवाल पूछा गया था, जिसमें यह जानने की कोशिश की गई थी कि कितने भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है। इस सवाल के जवाब में गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि 2024 में 2 लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्यागी। हालांकि, यह आंकड़ा पिछले साल के बराबर ही है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इसमें थोड़ी कमी देखी गई है।
2024 में कितने भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता? (Why people leaving India)
विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, 2024 में 2,06,378 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी। यह आंकड़ा 2023 में 2,16,219 और 2022 में 2,25,620 था। इस तरह, 2024 में भारतीय नागरिकता त्यागने की संख्या 2023 और 2022 के मुकाबले थोड़ी कम रही, लेकिन 2021, 2020 और 2019 के आंकड़ों से यह अधिक है। 2021 में 1,63,370, 2020 में 85,256 और 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने नागरिकता त्यागी थी।
विदेशी नागरिकता की ओर बढ़ते कदम
भारत में कई लोग विदेशों में रहकर अपना जीवन बिता रहे हैं, लेकिन बहुत से ऐसे भी हैं जो अपनी नागरिकता को छोड़कर पूरी तरह से विदेशों में बस जाते हैं। ये लोग अपने जीवन के बेहतर अवसरों की तलाश में विदेशों की तरफ रुख करते हैं। देश की बढ़ती आर्थिक और सामाजिक असमानताओं के बीच कुछ लोग ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए भारत की नागरिकता छोड़ने का निर्णय लेते हैं।
राज्यसभा में यह सवाल पूछा गया था कि क्या मंत्रालय को यह जानकारी है कि भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस पर विदेश मंत्रालय ने बताया कि साल दर साल यह आंकड़ा उतार-चढ़ाव करता रहता है, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले थोड़ा घटा है।
नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया
वहीं, इस प्रक्रिया के बारे में भी कई सवाल उठाए गए। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय नागरिकता छोड़ने के लिए संबंधित व्यक्ति को https://www.indiancitizenshiponline.nic.in पर आवेदन करना होता है। इसके बाद, उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग 60 दिन में पूरी होती है और दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के बाद संबंधित विभाग से 30 दिनों के अंदर प्रतिक्रिया प्राप्त होती है। इसके बाद, एक रिनन्सीएशन सर्टिफिकेट ऑनलाइन जारी किया जाता है।
भारतीय नागरिकता छोड़ने के बाद, नागरिक को भारत में उपलब्ध सभी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि को संबंधित अधिकारियों को जमा करना होता है।
2024 में गिरावट, फिर भी चिंता का विषय
2024 में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में थोड़ा सा गिरावट देखने को मिली है, लेकिन इस मुद्दे पर सवाल उठने लगे हैं कि इस प्रक्रिया में और सुधार की आवश्यकता है। क्या यह संकेत है कि भारत में कई लोग अपनी नागरिकता से संतुष्ट नहीं हैं? यह सवाल अब देश में गंभीर हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि नागरिकता छोड़ने का कारण सिर्फ आर्थिक या सामाजिक नहीं, बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक भी हो सकते हैं।