Yamuna Pushta Road Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। ट्रैफिक से हर दिन जूझ रहे लोगों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि यमुना पुश्ते पर बनने वाली एलिवेटेड रोड की योजना को जल्द ही हरी झंडी मिलने जा रही है। यह सड़क नोएडा के सेक्टर-94 गोलचक्कर से शुरू होकर सेक्टर-150 तक जाएगी और आगे यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी।
इस प्रोजेक्ट को लेकर लोक निर्माण विभाग (PWD) ने शासन और नोएडा प्राधिकरण को प्रस्ताव भेजा है। साथ ही, सिंचाई विभाग से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले सात से आठ महीनों में एनओसी मिल जाएगी, जिसके बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो सकता है।
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क्यों ज़रूरी है यह एलिवेटेड रोड? (Yamuna Pushta Road Noida)
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच रोजाना लाखों वाहन चल रहे हैं। नोएडा एक्सप्रेसवे और अन्य मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक का लोड तेजी से बढ़ रहा है। इस बढ़ते दबाव को कम करने के लिए इस छह लेन की एलिवेटेड रोड को यमुना बांध रोड के समानांतर बनाने की योजना है। इससे ट्रैफिक का बंटवारा होगा और नोएडा एक्सप्रेसवे पर जाम की स्थिति में काफी हद तक सुधार आएगा।
एयरपोर्ट से भी होगी कनेक्टिविटी
इस एलिवेटेड रोड का एक और बड़ा फायदा ये होगा कि यह दिल्ली को सीधे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ेगी। रोड का रूट ओखला बैराज से शुरू होकर हिंडन और यमुना के किनारे-किनारे यमुना एक्सप्रेसवे तक जाएगा। इससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे—तीनों इलाकों को एयरपोर्ट से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
कितना होगा खर्च?
नोएडा प्राधिकरण के जीएम आरके अरोड़ा के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से एलिवेटेड होगा। पहले इसे ऑन-ग्राउंड और एलिवेटेड मिलाकर बनाने की योजना थी, लेकिन अब सिर्फ एलिवेटेड रोड ही बनाई जाएगी।
खर्च कौन उठाएगा?
इस एलिवेटेड रोड के निर्माण का खर्च नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण मिलकर वहन करेंगे। इस प्रोजेक्ट को पहले ही नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग में मंजूरी मिल चुकी है। अब लोक निर्माण विभाग इसकी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार है, और शासन स्तर पर इस पर विचार चल रहा है।
क्या है मौजूदा हालात?
फिलहाल यमुना पुश्ते की स्थिति काफी खराब है। जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, जिससे यहां से गुजरना बेहद मुश्किल हो गया है। पुश्ते की एक तरफ अवैध फार्महाउसों की भरमार है, जबकि दूसरी तरफ सेक्टर, सोसाइटी और गांव बसे हुए हैं। ऐसे में यहां एलिवेटेड रोड बनाना न सिर्फ जरूरी हो गया है, बल्कि समय की मांग भी बन चुकी है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि अगले 7-8 महीनों में एनओसी मिलने की उम्मीद है। वहीं, प्राधिकरण के महाप्रबंधक ए.के. अरोड़ा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है और प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले कुछ सालों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लाखों लोगों को ट्रैफिक की समस्या से बड़ी राहत मिल सकती है। एलिवेटेड रोड के बन जाने से सफर और आसान, तेज़ और सुगम हो जाएगा। साथ ही, दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने में भी काफी सुविधा होगी। अब सबकी निगाहें शासन की मंजूरी और एनओसी पर टिकी हैं।