Yashwant Verma Cash Scandal: दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में आग, जले हुए नोटों की तस्वीरें आईं सामने

Yashwant Verma Cash Scandal
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Yashwant Verma Cash Scandal: दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में आग लगने की घटना ने सभी को चौंका दिया है। इस घटना के बाद जले हुए नोटों की तस्वीरें सामने आई हैं, जो अब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी की गई हैं। इन तस्वीरों में आग के बाद अधजले नोट साफ दिख रहे हैं, जिनके बारे में सवाल उठ रहे हैं कि यह नोट कहां से आए। दिल्ली हाईकोर्ट से जुड़ी यह घटना काफी चर्चा का विषय बन चुकी है, और जांच की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

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सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति का गठन- Yashwant Verma Cash Scandal

सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। इस समिति में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन को शामिल किया गया है। समिति का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि जस्टिस वर्मा के घर में आग लगने के बाद जले हुए नोट कहां से आए और घटना के वास्तविक कारण क्या हैं।

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जस्टिस वर्मा का स्पष्टीकरण

जस्टिस यशवंत वर्मा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके घर के जिस कमरे में आग लगी थी, वहां सिर्फ फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान रखे हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के समय वह भोपाल में थे और आग की जानकारी उन्हें अपनी बेटी से मिली थी। वर्मा ने यह भी दावा किया कि यह घटना एक साजिश हो सकती है और उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से यह आरोप लगाए गए हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की रिपोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा से संपर्क किया और घटना की जांच की। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिस कमरे में आग लगी थी, उसमें कुछ अधजली बोरियां मिलीं, जिनमें भारतीय मुद्रा के अवशेष पाए गए। इसके बाद उन्होंने जस्टिस वर्मा से जवाब लिया, जिसमें वर्मा ने कहा कि वह इस मामले में किसी साजिश का शिकार हो सकते हैं।

चीफ जस्टिस ने यह भी बताया कि पुलिस आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 15 मार्च 2025 को आग लगने के बाद मलबा और आंशिक रूप से जली हुई वस्तुएं हटा दी गई थीं। जांच के दौरान यह पाया गया कि कमरे में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था।

पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट

पुलिस आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जस्टिस वर्मा के निजी सचिव ने आग लगने की सूचना दी थी। इसके बाद दिल्ली अग्निशमन सेवा को स्वतः ही सूचना भेजी गई। सुरक्षा गार्डों के अनुसार, आग लगने के बाद कुछ जले हुए सामान हटा दिए गए थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि किसने इसे हटाया। पुलिस आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।

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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा से यह जानकारी मांगने का निर्देश दिया कि उन्होंने अपने परिसर में स्थित कमरे में पाए गए पैसे/नकदी का हिसाब कैसे दिया और उनके स्रोत की व्याख्या करें। इसके अलावा, जले हुए पैसे को हटाने वाले व्यक्ति की पहचान करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।

जस्टिस वर्मा का बयान

जस्टिस वर्मा ने इस पूरे विवाद को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य ने स्टोर रूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी। उन्होंने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से गलत हैं और उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से यह साजिश रची गई है।

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