5,000 रुपये में होगा प्रॉपर्टी का बंटवारा, रजिस्ट्री के लिए नहीं करनी होगी भागदौड़, योगी सरकार का बड़ा फैसला

Indian workers in Israel CM Yogi Adityanath
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उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारिवारिक संपत्तियों के बंटवारे पर 4 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की मौजूदा व्यवस्था को खत्म करते हुए सिर्फ 5,000 रुपये की स्टांप ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। इससे पहले सीएम ने रक्त संबंधियों के नाम अचल संपत्ति ट्रांसफर करने पर भी 5,000 रुपये की स्टांप ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए थे। न्यूनतम स्टांप ड्यूटी होने से परिवार के सदस्यों के बीच समझौता आसान हो जाएगा। ऐसा करने वाला यूपी देश का दूसरा राज्य बन गया है।

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मुख्यमंत्री ने दिया बयान

मंगलवार को स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, “अक्सर पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे में अधिक खर्च के कारण विवाद और कोर्ट केस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। न्यूनतम स्टांप शुल्क लागू होने से परिवार के सदस्यों के बीच समझौते आसान हो जाएंगे।”

Yogi government division property for Rs 5000
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा, “संपत्ति के बंटवारे और प्रबंधन की प्रक्रिया को सरल बनाने से लोगों को अधिक सुविधा मिलेगी।”

किस तरह होगा पंजीकरण

यूपी पंजीकरण के लिए भौतिक फ़ाइल की आवश्यकता के बजाय, मोबाइल डिवाइस पर केवल सॉफ्ट कॉपी में दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति की बिक्री और खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया है। पंजीकरण के लिए डिजिटल स्टाम्प शुल्क भी ऑनलाइन आवेदन पर जमा किया जाएगा। आवंटी को ईमेल के माध्यम से डीड मिलेगी। सभी प्रक्रियाएं और उनका सत्यापन ऑनलाइन किया जाएगा। हालांकि, पंजीकरण केवल कार्यालय समय के दौरान ही उपलब्ध होगा। इस फैसले के साथ, यूपी में इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण होगा, जिससे यह देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। आज तक, केवल महाराष्ट्र में ही ई-रजिस्ट्री फ़ंक्शन तक पहुंच थी। इसके अलावा, यह पंजीकरण कार्यालय में भीड़ के तनाव को कम करेगा।

Yogi government division property for Rs 5000
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संपत्ति का बंटवारा कैसे होगा?

विभाजन विलेख में, विभाजित संपत्ति में सभी पक्ष संयुक्त शेयरधारक होते हैं, और उनके बीच विभाजन होता है। विभाजन विलेख में प्रस्तावित छूट उसी मृतक व्यक्ति के सभी वंशजों को कवर करेगी जो सह-स्वामी हैं। इसका मतलब यह है कि अगर दादा की मूल संपत्ति में वर्तमान जीवित शेयरधारक चाचा, भतीजा या भतीजी हैं, तो वे इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।

बात दें, योगी सरकार के इस फैसले से राज्य के लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे संपत्ति विवाद कम होने की उम्मीद है। यूपी के मुख्यमंत्री ने इसके लिए खास तौर पर निर्देश दिए थे।

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