देश में घोटालों की भी कोई सीमा नहीं है. चारे से लेकर कोयला तक में घोटालों के मामले सामने आये है.शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता को कोयला घोटाले में भ्रष्टाचार और आपराधिक मामले में दोषी ठहराया है.बता दें कि यह मामला पश्चिम बंगाल में कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित है.मामले में विशेष सीबीआई न्यायधीश भरत पाराशर ने गुप्ता के अतिरिक्त निजी कंपनी विकास मेटल्स एन्ड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निर्देशक(सीए-1) के सी सामरिया को मामले में दोषी ठहराया गया है.जबकि अदालत ने कंपनी के मैनेजमेंट डायरेक्टर विकास पटानी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मालिक को भी मामले में दोषी करार दिया है.पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किये गए आवंटन में कथित अनियमितता बरतने से सम्बंधित है.
इस मामले में सीबीआई ने सितम्बर 2012 में मामला दर्ज किया था.मामले में पांचों दोषियों को हिरासत में ले लिया गया है और इस मामले में सजा पर दलीलों की बहस तीन दिसम्बर को होगी.इस मामले में दोषी ठहराए गए आरोपियों को अधिकतम सात साल की जेल की सजा हो सकती है. बता दें कि कोयला घोटाले के एक और मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खिलाफ चल रही जांच की दोबारा रिपोर्ट मांगी है.रंजीत सिन्हा पर आरोप है कि उन्होंने कोयला घोटाले की जांच में पद का दुरूपयोग किया है.सिन्हा के खिलाफ कोयला घोटाले से जुड़े मामले की जांच में गड़बड़ी करने के प्रयास का आरोप है. कोयला घोटाले की जांच का निरिक्षण कर रही जस्टिस मदन बी.लोकुर की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय(ED) को भी इन मामलों के ट्रायल के बारे में ताजा स्तिथि रिपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है. इस तरह एक और घोटाले के कई पहलू अभी सामने आना बाकी है.
(हसन हैदर)