Software Engineer ZOHO: तमिलनाडु के अब्दुल अलीम की, जिन्होंने अपनी मेहनत और सीखने की ललक से एक सिक्योरिटी गार्ड से ZOHO कॉर्पोरेशन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने तक का सफर तय किया। यहाँ तक उनके लिए आसान नहीं रहा है उन्होंने कई मुश्किलों के बाद इस मुकाम को हासिल किया हैं। तो चलिए आपको इस लेख में अब्दुल अलीम के बारे में विस्तार से बताते हैं।
अब्दुल अलीम की प्रेरणादायक कहानी
अब्दुल अलीम की कहानी दर्शाती है कि हुनर और जुनून डिग्रियों से ज़्यादा कीमती होते हैं…दरअसल साल 2013 में, अब्दुल अलीम (Abdul Aleem) सिर्फ़ ₹1,000 लेकर घर से निकले थे। उनके पास न तो कोई नौकरी थी और न ही कोई मार्गदर्शक। कुछ महीने बाद, उन्होंने ज़ोहो कॉर्पोरेशन (ZOHO Corporation) नामक एक स्टार्टअप में प्रोटोटाइप गार्ड के रूप में काम करना शुरू कर दिया। उस समय, उन्होंने सिर्फ़ 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी और उन्हें HTML का थोड़ा-बहुत ज्ञान था।
कंपनी में काम करते हुए, उनकी मुलाकात ZOHO के एक वरिष्ठ कार्यकारी शिबू एलेक्सिस से हुई। शिबू ने अलीम की आँखों में कुछ सीखने का जुनून देखा। इसलिए एक दिन शिबू एलेक्सिस ने अलीम को कोडिंग सीखने का सुझाव दिया और उसे ट्रेनेंड करने की ऑफर दिया। अगले आठ महीनों तक, अलीम ने दिन में 12 घंटे की सुरक्षा गार्ड की शिफ्ट में काम किया और रात में प्रोग्रामिंग सीखी।
कड़ी मेहनत से बनाया ऐप
उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद एक साधारण सा ऐप (App) बनाया, जो यूजर इनपुट को विज़ुअल रूप में दिखाता था। जिसके बाद शिबू एलेक्सिस ने अलीम के इस ऐप को एक मैनेजर को दिखाया। अलीम को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। शुरुआती हिचकिचाहट के बावजूद, मैनेजर ने उन्हें बताया कि ZOHO में कॉलेज की डिग्री नहीं, बल्कि आपका कौशल (Skill) मायने रखता है।
कपनी में शुरू किया काम
वही जब अलीम ने इंटरव्यू दिया तो सब कोई हैरान रह गए और अलीम ने इंटरव्यू पास कर लिया और उसी कंपनी में आज आठ साल बाद एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर (Software Development Engineer) के रूप में काम करना शुरू कर दिया। आपको बता दें आज, अब्दुल अलीम ZOHO में एक सफल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर हैं और उनकी कहानी लाखों लोगों को प्रेरित कर रही है। कि अगर महेनत और जूनून हो तो इन्सान क्या कुछ नहीं कर सकता है।