Finland Traffic Rules: इस देश में इनकम के हिसाब से कटता है ट्रैफिक चालान, जानें कैसे एक शख्स पर लगा करोड़ों का जुर्माना

Finland Traffic Rules
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Finland Traffic Rules: भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंता रहती है, क्योंकि यहां हर दिन सैकड़ों लोग सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं। ये हादसे अक्सर लोगों की लापरवाही और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के कारण होते हैं। हालांकि, हाल ही में सरकार ने ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने की व्यवस्था को सख्त किया है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके और लोगों को सुरक्षा मिल सके। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जहां ट्रैफिक जुर्माना आपकी सैलरी के आधार पर लगाया जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं फिनलैंड की, जहां जुर्माना किसी की सैलरी के हिसाब से तय किया जाता है।

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फिनलैंड में एक करोड़ रुपये का जुर्माना- Finland Traffic Rules

आपको जानकारी हैरानी होगी कि, दिसंबर 2020 में फिनलैंड के एक शख्स पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था। यह जुर्माना ओवरस्पीडिंग के कारण हुआ था और उसे 1 करोड़ 6 लाख 27 हजार रुपये का चालान मिला था। इस खबर ने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी। लोग सोचने लगे थे कि क्या यह किसी के साथ ज्यादती हो रही है। लेकिन फिनलैंड का ट्रैफिक नियम तो यही कहता है कि जुर्माना किसी व्यक्ति की आय के हिसाब से होना चाहिए। इस सिस्टम के पीछे एक खास सोच और उद्देश्य है, जो सभी के लिए समान रूप से न्याय सुनिश्चित करता है।

किस तरह से काम करता है यह सिस्टम?

फिनलैंड में ट्रैफिक जुर्माना प्रणाली कुछ अलग है। यहां पर जुर्माना आपकी सैलरी के आधार पर तय किया जाता है। अगर आप ज्यादा कमाते हैं तो जुर्माना भी उतना ही ज्यादा होगा। यह सिस्टम इस लिए अपनाया गया है ताकि जुर्माना सभी के लिए समान रूप से प्रभावी हो, न कि सिर्फ उन लोगों के लिए जो कम इनकम वाले हैं। इस सिस्टम के तहत, अगर किसी ने ट्रैफिक नियम तोड़ा, तो उसकी सैलरी के हिसाब से जुर्माना आधा हो जाता है। इसके अलावा, स्पीड लिमिट से ऊपर जाने पर, स्पीड के हिसाब से उसकी सैलरी का हिस्सा जुर्माने के रूप में लिया जाता है।

कैसे होता है जुर्माने का निर्धारण?

आपको बता दें, फिनलैंड में पुलिस के पास स्मार्टफोन में एक सेंट्रल टैक्सपेयर डेटाबेस होता है। इसके जरिए वे किसी भी व्यक्ति की सैलरी चेक कर सकते हैं और उसी हिसाब से जुर्माना तय कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति स्पीड लिमिट से ज्यादा तेज चला है, तो उस व्यक्ति की सैलरी के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा, और यह नियम न केवल फिनलैंड में, बल्कि बाकी नॉर्डिक देशों में भी लागू है। वहीं, यह सिस्टम फिनलैंड में 1920 के दशक से लागू है।

क्यों है यह सिस्टम महत्वपूर्ण?

इस सिस्टम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जुर्माना एक व्यक्ति की आय के हिसाब से हो, ताकि यह समान रूप से न्यायपूर्ण हो। अगर जुर्माना केवल कम आय वाले लोगों के लिए ही कम होता, तो यह सिस्टम सही नहीं होता। इस प्रणाली के जरिए, किसी भी व्यक्ति को उसके आर्थिक स्तर के आधार पर ही सजा मिलती है, न कि उसके लिए जो उसकी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है।

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