Himachal Pradesh Unique Marriage: सिरमौर में दो भाइयों ने सात फेरों की जगह ली संविधान की शपथ, कार्ड पर छपी अंबेडकर की तस्वीर

Himachal Pradesh Unique Marriage
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Himachal Pradesh Unique Marriage: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक अनोखा और प्रेरणादायक मामला सामने आया है। यहां दो सगे भाइयों ने शादी तो की, लेकिन न पंडित बुलाया गया, न सात फेरे लिए गए, न ही कोई धार्मिक मंत्रोच्चार हुआ। इसके बजाय दोनों भाइयों ने भारतीय संविधान की शपथ लेकर एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा किया। यह शादी सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के नैनीधार पंचायत के कलोग गांव में हुई।

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संविधान को साक्षी मानकर हुआ विवाह- Himachal Pradesh Unique Marriage

दूल्हे बने सुनील कुमार बौद्ध और विनोद कुमार आज़ाद, दोनों सरकारी कर्मचारी हैं और सामाजिक सुधार के लिए लंबे समय से काम कर रहे हैं। दोनों ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों से प्रेरणा लेकर यह कदम उठाया। उन्होंने कहा, “विवाह दो दिलों का मिलन है, किसी कर्मकांड या परंपरागत रीति की मजबूरी नहीं।” इसलिए उन्होंने पारंपरिक ब्राह्म विवाह की जगह संविधान को साक्षी मानकर विवाह किया।

शादी के कार्ड भी थे अनोखे

इतना ही नहीं, इनकी शादी के निमंत्रण पत्र भी आम कार्डों से बिल्कुल अलग थे। कार्ड पर भगवान बुद्ध, डॉ. भीमराव आंबेडकर और महात्मा कबीर की तस्वीरें छपाई गई थीं। यह सिर्फ शादी का न्योता नहीं बल्कि समाज में समानता, शिक्षा और सुधार का संदेश देने की कोशिश भी थी।

रस्में निभीं लेकिन पंडित नहीं बुलाया गया

हालांकि दोनों भाइयों ने शादी की बाकी रस्में निभाईं जैसे मामा स्वागत, वरमाला और बरात की परंपरा। 25 अक्तूबर की शाम मामा स्वागत किया गया और अगले दिन सुबह गांव से बरात रवाना हुई। एक भाई सुनील ने कटाड़ी गांव की रितु से विवाह किया, जबकि विनोद ने नाया गांव की रीना वर्मा को जीवनसाथी बनाया।
बरात के दुल्हन के घर पहुंचने के बाद दूल्हा-दुल्हन ने साथ बैठकर संविधान की शपथ ली और विवाह का वचन दिया। इसके बाद नेवदा की रस्म पूरी हुई और रात को गांव में भोज का आयोजन किया गया।

समाज में सकारात्मक संदेश

इस अनोखी पहल को दुल्हन पक्ष ने भी पूरा समर्थन दिया। शादी देखने आए गांववालों ने इस प्रयास की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसी शादियां समाज में नई सोच और समानता का संदेश देती हैं। समारोह में सैकड़ों लोग शामिल हुए और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।

‘संविधान विवाह’ बना चर्चा का विषय

दोनों भाइयों की इस पहल की चर्चा अब पूरे हिमाचल में हो रही है। इसे लोग “संविधान विवाह” कहकर संबोधित कर रहे हैं। यह शादी न केवल एक उदाहरण बनी है बल्कि उस सोच का प्रतीक भी है जो परंपरा से आगे बढ़कर बराबरी और जागरूकता की दिशा में रास्ता दिखाती है।

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