लड़की ने डिप्रेशन से बचने के लिए खाई थी गोली, हालत हुई खराब, अस्पताल में कराया गया भर्ती

The girl took pills to get rid of depression, now she is admitted in the hospital
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डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में ज्यादातर लोग बात करने से झिझकते हैं। डिप्रेशन शरीर को अंदर से खोखला कर देता है। इससे मूड डिसऑर्डर के कारण बिहैवियर में भी काफी बदलाव आ जाता है। इसका पर्सनल, प्रोफेशनल लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब बहुत ज्यादा निगेटिविटी हावी हो जाती है तो लोग बिना डॉक्टर की सलाह के खुद ही इसका इलाज करने लगते हैं। हालांकि, किसी भी बीमारी का इलाज खुद से करना आपके स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। ऐसा ही कुछ हुआ न्यूजीलैंड की 23 साल की एक महिला के साथ। यह महिला डिप्रेशन से पीड़ित थी और जब उसकी चिंता बढ़ गई तो उसने इसका इलाज खुद ही किया। जिसके बाद उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा।

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दवाई का हुआ साइड इफैक्ट

इस महिला की पहचान न्यूजीलैंड की रहने वाली चार्लोट गिल्मर के रूप में हुई है। डिप्रेशन और चिंता से तंग आकर उसने इसके लिए एक दवा ली थी। जिसके बाद उसे खतरनाक साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा। न्यूज़ीलैंड आउटलेट स्टफ की रिपोर्ट के अनुसार, चार्लोट गिल्मर को स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम (एसजेएस) हो गया, जो कि एक रेयर डिसऑर्डर है जिससे उनकी त्वचा, मुंह और फूड पाइप में दर्दनाक छाले हो गए।

मेयो क्लिनिक के अनुसार, यह विकार फ्लू जैसे लक्षणों से शुरू होता है जिसके बाद दाने निकलते हैं जो फफोलेदार हो जाते हैं। केवल 10% रोगियों में ही स्थिति घातक होती है। डॉक्टरों का मानना है कि गिल्मर को लैमोट्रीजीन की गंभीर प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा, जो दुनिया भर में दस लाख लोगों में से केवल एक में होता है।

गिल्मर ने बताया अपना हाल                    

पामर्स्टन नॉर्थ की गिल्मर ने कहा कि वह कई हफ्तों से छाती के संक्रमण से पीड़ित थी और एक सुबह जब उठी तो उसे दर्दनाक दाने निकले। जब वह अस्पताल गई तो डॉक्टर उसके विकार का निदान नहीं कर सके। गिल्मर ने आगे कहा,’इसके बारे में सबसे डरावनी बात यह है कि इसने मुझे अंदर से जला दिया। तो बाहर की सारी जलन इसलिए हुई क्योंकि मेरे अंदर का हिस्सा इतना जल गया था कि यह मेरी त्वचा के बाहर भी दिखाई देने लगा था।’

हालांकि, 30 दिन के इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। उन्होंने कहा कि वह ठीक हो गई हैं लेकिन कुछ लक्षण अब भी कभी-कभी उभर आते हैं। उन्होंने आगे बताया, ‘मेरी आंखों में अभी भी छाले निकल आते हैं और दाने उभर आते हैं, लेकिन मैं ठीक हो रही हूं।’

डॉक्टरों का कहना है कि उनके पाचन तंत्र में अल्सर इतना खराब था कि उन्हें फीडिंग ट्यूब से जोड़ना पड़ा। शुरुआत में उन्हें स्टेरॉयड दिया गया, लेकिन जब इससे उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ तो उनकी दवा बंद कर दी गई। लेकिन इससे उनकी हालत और खराब हो गई। एक रात ऐसी आई जब गिल्मर की आंखों की रोशनी भी बहुत कमजोर हो गई थी।

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