Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर जिले में 19 साल के छात्र दीपक गुप्ता की बर्बर हत्या के बाद न सिर्फ इलाके में तनाव का माहौल है, बल्कि अब इस मामले में पुलिस विभाग पर भी कड़ा शिकंजा कसा गया है। सोमवार रात पिपराइच इलाके में गौ-तस्करों ने दीपक को अगवा कर मार डाला था। मंगलवार को इस घटना के विरोध में गांववालों ने जबरदस्त हंगामा और सड़क जाम किया, जिसके बाद पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे। अब इस मामले में जंगल धूसड़ चौकी प्रभारी समेत पूरी पुलिस टीम को सस्पेंड कर दिया गया है, और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
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पहले शिकायत, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं- Gorakhpur News
गांववालों का कहना है कि गौ-तस्करों की गतिविधियों को लेकर कई बार पुलिस को जानकारी दी गई थी, लेकिन हर बार बात को नजरअंदाज कर दिया गया। यहां तक कि जिस रात दीपक की हत्या हुई, उस दिन भी चौकी इंचार्ज को तस्करों के आने की सूचना दी गई थी। जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि “मैं डंपर का इंतज़ाम कर रहा हूँ, आप लोग भी कुछ कीजिए।” इसी लापरवाही ने दीपक की जान ले ली।
कौन-कौन हुआ सस्पेंड?
घटना के बाद एसएसपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चौकी इंचार्ज ज्योति नारायण तिवारी, सिपाही अंकित यादव, राकेश यादव, संदीप यादव और हेड कांस्टेबल शाहिद खान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है ताकि यह तय हो सके कि घटना से पहले और बाद में पुलिस ने कितना सही या गलत काम किया।
ADG लॉ एंड ऑर्डर मौके पर पहुंचे
घटना की गंभीरता को देखते हुए ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश भी मंगलवार रात गोरखपुर पहुंचे। उन्होंने मौके का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवार से मिलकर कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया। साथ ही कहा कि वे खुद इस पूरे मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देंगे।
गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर किया हमला
मंगलवार को जैसे ही दीपक की हत्या की खबर फैली, गांववालों का गुस्सा फूट पड़ा। पिपराइच थाना क्षेत्र में लोगों ने तस्करों की एक गाड़ी को रोक लिया, जिसे बाद में भीड़ ने फूंक दिया। एक तस्कर को भी पकड़ लिया गया। जब पुलिस उसे हिरासत में लेने आई, तो लोगों ने पुलिस पर पथराव और हमला कर दिया। इस दौरान पिपराइच थानेदार का हाथ टूट गया, और एसपी नॉर्थ सहित कई पुलिसवालों को गंभीर चोटें आईं।
सीएम योगी ने दिया सख्त कार्रवाई का निर्देश
पूरा मामला जब लखनऊ तक पहुंचा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लिया। उन्होंने आला अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवार से मुलाकात कर भरोसा दिलाएं और दोषियों को बख्शा न जाए। इसके बाद DIG, DM और SSP ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से बात की और आश्वासन दिया, जिसके बाद पांच घंटे से चल रहा रोड जाम खत्म हुआ।
परिजनों की 5 मांगें, न्याय की लड़ाई जारी
दीपक के परिवार और गांववालों ने प्रशासन के सामने पांच मांगें रखी थीं, जिनमें मुख्य रूप से पुलिस पर कार्रवाई, तस्करों की गिरफ्तारी और मृतक परिवार को मुआवजा शामिल है। पुलिस टीम के सस्पेंशन के बाद आंशिक राहत तो जरूर मिली है, लेकिन परिजनों का कहना है कि जब तक मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, उनकी लड़ाई जारी रहेगी।