SEBI Action: भारतीय वित्तीय बाजार में एक बड़ा विवाद उस समय उत्पन्न हुआ जब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट के खिलाफ कार्रवाई की। SEBI ने हाल ही में जेन स्ट्रीट से 4,800 करोड़ रुपये की अवैध कमाई जब्त की और उसे भारत में कारोबार करने से रोकने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी किया। लेकिन अब इस मामले में एक नई जानकारी सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि जेन स्ट्रीट ने इससे कहीं अधिक, यानी 36,500 करोड़ रुपये की हेरफेर से कमाई की है। यह मामला अब भारतीय वित्तीय बाजार में बड़ा मुद्दा बन चुका है।
मयंक बंसल का खुलासा: 36,500 करोड़ रुपये की हेरफेर – SEBI Action
हेज फंड के अध्यक्ष और व्हिसलब्लोअर मयंक बंसल ने बिजनेस टुडे टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि जेन स्ट्रीट ने एक्सपायरी-डे ट्रेडिंग के दौरान भारी हेरफेर किया और 2024 में अकेले 25,000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। उन्होंने यह भी दावा किया कि 4,800 करोड़ रुपये की रकम तो सिर्फ एक छोटी सी राशि है, जो कि SEBI की जांच में जुलाई 2023 से शुरू होने वाले दो साल के दौरान की गई कार्रवाई पर आधारित है। बंसल के मुताबिक, जेन स्ट्रीट का कुल लाभ 36,500 करोड़ रुपये था, जो पूरी तरह से अवैध रूप से कमाया गया था।
जेन स्ट्रीट का 2024 में 36,500 करोड़ का मुनाफा
बंसल ने आगे बताया कि जेन स्ट्रीट का 2024 में 36,500 करोड़ रुपये का मुनाफा उसके प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कहीं अधिक था। उन्होंने बताया कि जेन स्ट्रीट के मुकाबले उसके निकटतम प्रतिद्वंद्वी की कमाई 320-360 मिलियन डॉलर के बीच थी, जबकि जेन स्ट्रीट ने नौ गुना अधिक मुनाफा कमाया। बंसल का कहना था कि जेन स्ट्रीट अपनी सामान्य ट्रेडिंग रणनीतियों से हटकर स्टॉक्स और इंडेक्स को मैन्युपुलेट करके पैसा कमा रही थी।
कैसे हुआ हेरफेर?
बंसल ने जेन स्ट्रीट की हेरफेर की प्रक्रिया को समझाने के लिए “Two Step Manipulation” का उल्लेख किया। पहले, जेन स्ट्रीट ने इंडेक्स को कंट्रोल करने के लिए कैश और फ्यूचर में भारी पोजीशन ली। इस कारण वह एक्सपायरी के दिनों में पूरे इंडेक्स को नियंत्रित करती थी। जैसे ही इंडेक्स ऊपर जाता, जेन स्ट्रीट शॉर्ट ऑप्शन पोजीशन — लॉन्ग पुट और शॉर्ट कॉल पोजीशन — लेती थी और फिर अपनी कैश होल्डिंग्स को बेच देती थी। बंसल के अनुसार, इस रणनीति के तहत जेन स्ट्रीट ने जानबूझकर 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाया, लेकिन बड़े ऑप्शन्स के जरिए उसे तगड़ा लाभ हुआ।
बंसल ने यह भी बताया कि इस हेरफेर की प्रक्रिया का असर कई प्रमुख इंडेक्स जैसे बैंक निफ्टी, निफ्टी, सेंसेक्स और मिडकैप पर पड़ा, जहां जेन स्ट्रीट ने अनुचित कीमतों पर खरीदारी की और भारी लाभ कमाया।
SEBI की कार्रवाई और आरोप
SEBI ने 3 जुलाई को जेन स्ट्रीट के खिलाफ एक अंतरिम आदेश जारी किया और इसे भारत में कारोबार करने से रोक दिया। SEBI ने आरोप लगाया कि जेन स्ट्रीट ने कैश और फ्यूचर खरीद के जरिए बैंक निफ्टी को बढ़ाया, फिर ऑप्शन्स के जरिए इंडेक्स को शॉर्ट किया और खुदरा निवेशकों को गुमराह किया। SEBI ने इस हेरफेर से जेन स्ट्रीट के करीब ₹4,844 करोड़ की अवैध आय जब्त की और इसे एक एस्क्रो अकाउंट में जमा करने का आदेश दिया।
जेन स्ट्रीट का बचाव
जेन स्ट्रीट ने इन आरोपों से इनकार किया है और अपनी ट्रेडिंग रणनीतियों को “बेसिक आर्बिट्रेज” करार दिया है। कंपनी ने कहा कि उसकी सभी ट्रेडिंग गतिविधियां पूरी तरह से वैध थीं और उनका उद्देश्य बाजार में हेरफेर करना नहीं था। जेन स्ट्रीट ने कहा है कि वह SEBI के आदेश को चुनौती देने के लिए 21 दिनों के भीतर अपील दाखिल करेगी।