हर हिन्दू माँ बाप को अपने बच्चे को सीखाने चाहिए वेद पुराणों के ये मंत्र

Effective Mantras in Hindi
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Most Effective Mantras in Hindi – कहते हैं कि बच्चे की पहले गुरु माँ-पिता होते हैं क्योंकि वो जैसे उसे सीखते हैं वो वैसा ही सीखता है. वहीं आजकल की जनरेशन विदेशों के कल्चर अपना रही है लेकिन आपने कल्चर को भूल रही है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको वेद पुराणों के उन मंत्रो के बारे आपको बताने जा रहे हैं जो हर हिन्दू माँ बाप को अपने बच्चे को सीखने चाहिए.

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वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।

मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें…

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥

इसका अर्थ है जिनकी आकृति अतिशय शांत है, वह जो धीर क्षीर गंभीर हैं, जो शेषनाग की शैया पर विराजमान हैं जिनकी नाभि में कमल है,जो ‍देवताओं के भी ईश्वर औरजो संपूर्ण जगत के आधार हैं, संपूर्ण विश्व जिनकी रचना है, जो आकाश के सदृश सर्वत्र व्याप्त हैं, – नीलमेघ के समान जिनका वर्ण है, अतिशय सुंदर जिनके संपूर्ण अंग हैं, जो अति मनभावन एवं सुंदर है ऐसे लक्ष्मी के कान्त जिनके नयन कमल के समान सुंदर हैं जो योगियों द्वारा ध्यान करके प्राप्त किए जाते हैं, भगवान श्रीविष्णु को मैं प्रणाम करता हूँ जो जन्म-मरण रूप भय का नाश करने वाले हैं, जो सभी भय को नाश करने वाले हैं जो संपूर्ण लोकों के स्वामी हैं, सभी चराचर जगत के ईश्वर है…

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ 

Most Effective Mantras in Hindi – हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

इसका अर्थ है उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपने अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे।

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

हे कमले, जो कमल के आश्रय स्थान हैं, कृपा करो, कृपा करो, हे महालक्ष्मी माता, तुम्हारे नामों का जप करते हुए नमस्कार करता हूँ॥”

ॐ नमो हनुमते भय भंजनाय सुखम् कुरु फट् स्वाहा

“हे हनुमान जी, मैं आपको नमस्कार करता हूँ। आप भयों को नष्ट करने वाले हैं और सुख प्रदान करने वाले हैं। कृपया मेरे लिए सुख को प्रस्तुत करें

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”

“जो देवी सब प्राणियों में विष्णुमाया के रूप में जानी जाती है, हम उस देवी को नमस्कार करते हैं, हम उस देवी को नमस्कार करते हैं, हम उस देवी को नमस्कार करते हैं, हम उस देवी को प्रणाम करते हैं॥”

“राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥”

“जो मनुष्य ‘राम, राम’ और ‘रमे, रामे, मनोरमे’ नाम का जाप करता है, वह हजार नामों के समान है, ओ वरानने! रामनाम का जाप करो॥”

“मूकं करोति वाचालं पङ्गुं लङ्घयते गिरिं।मूकं करोति वाचालं पङ्गुं लङ्घयते गिरिं॥ यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्॥”

“जो व्यक्ति मूकता को वाणीपूर्णता में बदलता है और जो व्यक्ति लंगड़ा को पर्वत को लांघता है, उस महान परमानंद माधव की कृपा को मैं वंदन करता हूँ॥”

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