‘मेरे स्तन पर हाथ रखा’ ISIS की बर्बरता झेलने वाली नाडिया मुराद ने कुछ इस तरह बचाई थी अपनी जान

story of nobel award winner Nadia Murad who faced the brutality of ISIS
Source- Google

ISIS जो एक आतंकी संगठन हैं और संगठन के द्वारा चाक़ू से गला कटाने और लोगों को जुल्म करने के कई विडियो सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं. ISIS की बर्बरता की भी कई सारी खबरें और कहानियां हैं. वहीं इन सबके बीच एक कहानी ऐसी भी है जिसमें 16 साल की एक लड़की ISIS की बर्बरता का शिकार हुई थी.

Also Read-जब बाल गंगाधर तिलक ने की थी किसानों को जेल भेजने की मांग. 

यजीदी समुदाय से थी नादिया मुराद 

जिस लड़की की हम बात कर रहे हैं उसका नाम नादिया मुराद है. जो कि उत्तरी इराक में सीरिया की सीमा से सटे हुए शिंजे का गांव कोचू में अपने छह भाइयों, बहनों, भाभी और मां-बाप के साथ रहती थी. जिस गांव में वो रहते थे वहां यजीदी समुदाय के लोग रहते थे और इन लोगों को ISIS के लोग अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे. नादिया मुराद का परिवार अपनी थोड़ी-सी जमीन पर प्याज उगाकर भेड़ पालकर अपनी ज़िन्दगी जी रहे थे.

वहीं साल 2014 में ISIS तेजी से इराक में घुसा और हमला कर दिया. जिसके बाद यहां के लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे लेकिन इराक सरकार द्वारा सुरक्षा का वादा करने के बाद गांव वाले भागे नहीं यहीं रहने लग गये.लेकिन, जब ISIS ने हमला किया तो इराकी सुरक्षाकर्मी ग्रामीणों को अकेला छोड़कर भाग गए.

वहीं इस दौरान जहाँ पुरुषों, उमरदराज महिलाओं, बच्चों को मार दिया गया तो हैं लड़कियों और कुछ महिलाओं को ISIS के कब्जे वाले दूसरे शहर भेज दिया गया. जहाँ पुरुषों और उम्रदराज महिलाओं में नादिया की मां और उसके कुछ भाई भी मारे गये तो वहीं कई सारी लड़कियां और महिलाएं नादिया मुराद को मोसुल ले जाया गया और इस दौरान उसके साथ ISIS के आतंकियों ने प्राइवेट पार्ट को छुआ.

ISIS के आतंकियों ने छुआ प्राइवेट पार्ट

नादिया मुराद ने अपनी किताब ‘द लास्ट गर्ल: माई स्टोरी ऑफ कैप्टिविटी एंड माई फाइट अगेंस्ट द इस्लामिक स्टेट’ में इस हालात का जिक्र करते हुए कहा था कि पूरी बस में भयंकर दुर्गंध थी. कुछ लड़कियों ने उल्टी कर दी थी. उसी उल्टी में सनी हुई बैठी थीं. वहीं बस में एक ISIS का आतंकी भी था जो जिन लड़कियों ने उल्टी नहीं की थी, उनके प्राइवेट पार्ट वह छू रहा था. लड़कियां उसकी हरकतों से बचने के लिए जानबूझकर उल्टी कर रही थीं.

वहीं इस ISIS के आतंकी ने नादिया मुराद के साथ भी ऐसा किया. उसने पहले नादिया के कंधे पर हाथ रखा और उसके बाद अपने हाथ से नादिया के बाएं स्तन को छुआ और ऐसा उसने कई बार किया. नादिया मुराद ने बताया था ये घटना आज भी उनके दिलों-दिमाग में जिंदा है जब पहली बार किसी ने उसके प्राइवेट पार्ट को इस तरह छुआ था लेकिन इस आतंकियों के समाने उन्होंने उफ़ तक नहीं किया.

 इस तरह ISIS के चुंगल से भाग निकली नादिया 

वहीं अपनी किताब में नादिया मुराद ने इस बात का जिक्र भी किया मोसुल शहर पहुंचने के बाद लड़कियों को एक कमरे में बंद करके नहलाया गया. इसके बाद उन्हें बेच दिया गया और मुझे एक अफसर को इनाम के तौर पर दे दिया गया. जिसके बाद उसका धर्म परिवर्तन करके रखैल बनाया. नादिया ने अपनी किताब में ये भी ज़िक्र किया है, “कई समय तक ये जुर्म सहने के बाद  वो किसी तरह आतंकियों के चंगुल से भाग पाने में कामयाब रहीं. एक स्थानीय परिवार ने उनकी मदद की. नासिर नाम के लड़के ने उन्हें वापस उनके परिवार तक पहुंचाया गया और इस तरह से वो अपने ISIS के आतंकियों से बच पायी.

नादिया मुराद को मिला है नोबेल पुरस्कार

वहीं ISIS की कैद से बचने के बाद मुराद नादिया मुराद ने नादिया अभियान की स्थापना की. यह संस्था नरसंहार, सामूहिक अत्याचार और मानव तस्करी से पीड़ित बच्चों और महिलाओं की मदद करती है. साल 2018 में नादिया को ‘युद्ध और सशस्त्र संघर्ष के हथियार के रूप में यौन हिंसा के इस्तेमाल को खत्म करने के उनके प्रयासों के लिए’ शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया.

Also Read- अण्णा भऊ साठे: दलितों की पीड़ा को समाज में उजागर करने वाला ‘दलित’ लेखक.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here