Story of Stone Roti: पाकिस्तान दुनिया का एक ऐसा देश है जो न तो खुद चैन से रहता है और न ही किसी और को रहते हुए देख सकता है। भूखमरी, महंगाई, बेरोजगारी, राजनीतिक उथल पुथल और सबसे बड़ा दाग है पाकिस्तान पर आतंकवाद, जिसके कारण पुरी दुनिया त्रस्त है शायद खुद पाकिस्तान भी। लेकिन वो कभी इस बात को स्वीकार नहीं करेगा कि आतंकवाद का जनक वहीं है, लेकिन इन सभी कमियों के बावजूद भी बावजूद पाकिस्तान की कुछ परंपराएं ऐसी भी है, जिन्हें जानने के लिए, जिन्हें देखने के लिए लोग अक्सर उत्सुक रहते है। इन्ही परंपराओं में से एक है पत्थर की रोटी(Story of Stone Roti)। जी हां, अब सवाल बड़ा हैरान करने वाला है कि आखिर पत्थर की रोटी होती है, और वो भी परंपरा कैसे हो गई, साथ ही ये भी बड़ा सवाल है कि आखिर इस पत्थर की रोटी को पाकिस्तान के लोग खाते कैसे है। तो आज हम आपको पाकिस्तान के इस स्वादिस्ट रोटी के बारे में बतायेंगे, जो अक्सर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
कैसे बनाई जाती है रोटी-How to make stone Roti
पत्थर की रोटी (Story of Stone Roti), जिसे आम भाषा में पाकिस्तान के लोग सांग रोटी कहते है। सांग रोटी को बनाने के लिए किसी लोहे के तवे का इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि एक चिकने पत्थर पर इस रोटी को बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए गेहूं के आटे में नमक डालकर इसे गूंथा जाता है। गूंथते समय इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि आटा गीला न हो। इसके बाद आटे की अलग अलग लोई बना ली जाती है और इसे थोड़ा मोटा मोटा बेला जाता है। कई बार इसे हाथ से ही रोटी का आकार दिया जाता है। रोटी को बनाने से पहले एक चिकना पत्थर आग पर रखा जाता है, और रोटी को बेलने के बाद इस गर्म पत्थर पर रोटी को पकाया जाता है। पत्थर पर पकने के कारण ये ऊपर से सख्त हो जाता है और अंदर से नर्म रहता है। सख्त होने के कारण ही इसे पत्थर की रोटी कहा जाता है।
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कहां बनाई जाती है पत्थर की रोटी
पत्थर की ये अनोखी दरअसल बलूचिस्तान के कुछ इलाकों में बनाई जाती है। आपको बता दे कि पाकिस्तानी सेना और बलूचिस्तान की जनता के बीच आंतरिक युद्ध जैसी स्थिति चल रही है। एक और बलूचिस्तान पाकिस्तान से आजादी चाहता है तो वहीं पाकिस्तान इसे अपना हिस्सा मानता है। यहीं कारण है कि बलूचिस्तान में बेसिक सुविधाएं भी मौजूद नहीं है। तो फिर एक साधन से भरे किचन की तो उम्मीद करना ही बेकार है, ऐसे में इन सबका सहारा है सांग रोटी। (Story of Stone Roti) सांग रोटी को यहां के स्थानीय लोग मौसमी सब्जी के साथ खाते है। जिसमें घी-तेल का भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बलोच लोगो के लिए जीवन यापन करने और पेट भरने का सबसे सरल तरीका है सांग रोटी
परंपरा से जुड़ी रोटी-Traditional Stone Roti
सांग रोटी के साथ बलूचिस्तान की पुरानी परंपरा भी जुड़ी है। पूरे पाकिस्तान में केवल बलूचिस्तान में ही सांग रोटी बनाई जाती है। इसका कुरकुरा स्वाद, यहां की सादगी को दर्शाता है। बलूचिस्तान एक पहाड़ी इलाका है, वहां पर खानाबदोश गड़ेरियें ज्यादा मात्रा में रहते है। उनका काम अलग अलग हिस्सों में जाकर कुछ समय के लिए डेरा डालना होता है और फिर वो दूसरी जगह की तलाश में निकल जाते है। ऐसे में एक स्थाई घर हो, ये तो केवल सपना भर है। इसलिए सांग रोटी को पत्थर पर बनाया जाता है। ताकि लोगों का पेट भर सकें। बलोच खानाबदोश लोगो के लिए जीवन जीने का सबसे बड़ा साधन है सांग रोटी।
सांग रोटी को लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर भी विडियोज दिखाई देते है। इसे बनाने के अनोखे तरीके के कारण धीरे धीरे ये पत्थर की रोटी दुनिया भर में पहचान बना रही है। वेल क्या आप भी पत्थर की ये अनोखी रोटी का स्वाद लेना चाहते है तो इसकी रेसीपी एक बार जरूर ट्राई