Baghpat News: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के सिसाना गांव में इतिहास के पन्नों को झकझोर देने वाली खोज सामने आई है। खंडवारी वन क्षेत्र में हाल ही में खुदाई के दौरान चार से पांच हजार साल पुराने अवशेष और कलाकृतियां मिली हैं। इस खोज ने इतिहासकारों और पुरातत्वविदों में उत्साह की लहर दौड़ा दी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की मेरठ टीम के चार सदस्य साइट पर पहुंच चुके हैं और आगे की जांच करने की तैयारी में हैं।
यमुना किनारे प्राचीन टीले से मिली कलाकृतियां- Baghpat News
जानकारी के मुताबिक, यमुना नदी के किनारे स्थित प्राचीन टीले की खुदाई के दौरान कई ईंटों से बने ढांचे और आकृतियां मिली हैं। इन अवशेषों में बर्तन, चूल्हे और निर्माण ढांचे शामिल हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि खुदाई की प्रक्रिया देखकर गांव में उत्साह और जिज्ञासा की लहर दौड़ गई है।
महाभारत कालीन बस्ती होने के संकेत
शहजाद राय शोध संस्थान के निदेशक और इतिहासकार डॉ. अमित राय जैन ने बताया कि यह स्थल महाभारत कालीन मानव बस्ती का हिस्सा हो सकता है। उन्होंने कहा कि खुदाई में निकले अवशेष “Painted Grey Ware Culture” से संबंधित हैं, जो उस समय की सभ्यता का प्रतीक हैं। डॉ. जैन ने स्पष्ट किया कि यह कोई मंदिर नहीं है, बल्कि उस समय की मानव बस्ती का प्राचीन स्थापत्य नमूना है।
ASI को भेजी रिपोर्ट, मिली अनुमति की प्रतीक्षा
डॉ. अमित राय जैन ने कहा कि अवशेषों की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को भेज दी गई है और संस्कृति मंत्रालय से विस्तृत उत्खनन की अनुमति की मांग की गई है। उनका मानना है कि अगर पूरी तरह से खुदाई और अध्ययन किया गया तो यह खोज भारत की प्राचीन सभ्यता के इतिहास में नया अध्याय जोड़ सकती है।
स्थानीय लोगों में उत्साह
खबर फैलते ही आसपास के गांवों से हजारों लोग सिसाना पहुंचे और खुदाई स्थल पर जमा हो गए। लोगों ने अवशेषों को बड़े उत्साह के साथ देखा और विशेषज्ञों से जानकारी हासिल करने की कोशिश की।
भविष्य में अध्ययन और खुदाई
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह अवशेष महाभारत कालीन मानव बस्ती के संकेत देते हैं। इतिहासकारों का मानना है कि यह स्थल यमुना के किनारे बसे प्राचीन निवासियों के जीवन, खान-पान और स्थापत्य कला के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। एएसआई की टीम ने कहा है कि जल्द ही साइट का विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा और भविष्य में उत्खनन के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।
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