WhatsApp New Feature: व्हाट्सएप अपने यूजर्स के लिए एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है। अब जल्द ही आपको हर किसी के साथ चैट करने के लिए अपना मोबाइल नंबर शेयर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कंपनी एक ऐसा फीचर लेकर आ रही है, जिससे आप सिर्फ यूजरनेम के जरिए भी किसी से बात कर सकेंगे।
फिलहाल यह फीचर व्हाट्सएप के एंड्रॉयड बीटा वर्जन में टेस्टिंग के दौर में है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में इसे सभी यूजर्स के लिए रोलआउट कर दिया जाएगा।
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अब तक मोबाइल नंबर था जरूरी- WhatsApp New Feature
जब से व्हाट्सएप ने साल 2009 में अपनी शुरुआत की, तब से हर यूजर को अकाउंट बनाने और चैट करने के लिए मोबाइल नंबर देना अनिवार्य था। यानी अगर आपको किसी से बात करनी है, तो पहले उसे अपना नंबर देना पड़ता था।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि यूजर्स किसी अनजान व्यक्ति या ग्रुप में चैट करते समय अपना नंबर शेयर नहीं करना चाहते। इसी प्राइवेसी की जरूरत को देखते हुए मेटा ने अब यूजरनेम फीचर पर काम शुरू किया है, ताकि यूजर्स अपनी पहचान सुरक्षित रखते हुए बातचीत कर सकें।
टेलीग्राम जैसा अनुभव देगा नया फीचर
रिपोर्ट के मुताबिक, नया फीचर कुछ हद तक टेलीग्राम की तरह काम करेगा। यूजर्स अपने मोबाइल नंबर की जगह एक यूजरनेम बनाकर लॉगिन कर सकेंगे और उसी नाम से चैट शुरू कर पाएंगे।
टेक वेबसाइट WABetaInfo ने खुलासा किया है कि व्हाट्सएप ने इसे अपने बीटा वर्जन में टेस्ट करना शुरू कर दिया है। फिलहाल बीटा यूजर्स सिर्फ अपना यूजरनेम रिजर्व या लॉक कर सकते हैं, लेकिन उससे मैसेजिंग की सुविधा अभी सक्रिय नहीं की गई है।
ऐसे बनाना होगा यूजरनेम – कंपनी ने रखे सख्त नियम
व्हाट्सएप ने सिक्योरिटी और फेक अकाउंट्स की दिक्कतों से बचने के लिए यूजरनेम बनाने के कुछ खास नियम तय किए हैं:
- यूजरनेम में कम से कम एक अक्षर होना जरूरी होगा।
- नाम की लंबाई 3 से 30 कैरेक्टर के बीच रखी जाएगी।
- केवल लोअरकेस अक्षर (a-z), नंबर (0-9), पीरियड (.) और अंडरस्कोर (_) का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- शुरुआत या अंत में पीरियड नहीं होगा और लगातार दो पीरियड भी नहीं लगाए जा सकेंगे।
- “**www.**” से शुरू होने वाले या “.com” जैसे डोमेन नामों की अनुमति नहीं होगी।
- और सबसे अहम बात — डुप्लिकेट यूजरनेम नहीं होंगे। यानी जो नाम किसी के पास पहले से है, उसे दोबारा कोई नहीं चुन सकेगा।
इन नियमों का मकसद है यूजर्स को स्कैम, फेक प्रोफाइल्स और पहचान की चोरी जैसी दिक्कतों से बचाना।
अभी टेस्टिंग फेज में है फीचर
कंपनी फिलहाल इस फीचर को सीमित यूजर्स के बीच टेस्टिंग फेज में चला रही है। इसकी मदद से डेवलपर्स यह जांच रहे हैं कि कहीं प्राइवेसी, सिक्योरिटी या तकनीकी दिक्कतें तो नहीं आ रहीं। जब सब कुछ स्थिर हो जाएगा, तभी इसे सार्वजनिक तौर पर जारी किया जाएगा।
कब मिलेगा नया फीचर?
व्हाट्सएप की ओर से इसकी लॉन्च डेट की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन टेक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बीटा टेस्टिंग सफल रही, तो आने वाले कुछ महीनों में यह फीचर सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।
इसके आने से यूजर्स को अपनी प्राइवेसी पर और ज्यादा नियंत्रण मिलेगा और व्हाट्सएप का अनुभव पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक बन जाएगा।
अब यूजर्स न केवल नंबर छिपाकर चैट कर पाएंगे, बल्कि अपनी पहचान को लेकर भी बेफिक्र रहेंगे — यानी व्हाट्सएप पर बातचीत और भी ज्यादा प्राइवेट और पर्सनल हो जाएगी।