सोशल मीडिया पर छोटे व्यवसाय और ग्राहकों के बीच एक नया विवाद तेजी से वायरल हो रहा है। Zehra Calligraphy, जो हैंडमेड इत्र और कलिग्राफी प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है, अचानक चर्चा में आ गई है। मामला कुछ ऐसा है कि ब्रांड की मालकिन ने ग्राहकों से सीधे अपील की कि अगर खरीदना नहीं है तो ऑर्डर ही मत करें, क्योंकि मंगवाकर वापस करने से उनका व्यवसाय नुकसान में जाता है। यह ट्वीट आते ही सोशल मीडिया पर हलचल मच गई, और लोगों ने अपनी राय देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
Zehra Calligraphy का संदेश
Zehra Calligraphy ने 16 नवंबर को ट्वीट किया, “नफ़रत में लोग अंधे हो जाते हैं। मैं आप लोगों से हाथ जोड़कर गुज़ारिश करती हूँ कि अगर खरीदना नहीं है, तो ऑर्डर मत किया करें। वापस करने से हमारा नुकसान होता है। हमारे इत्र में कोई कमी हो तो हमें बताइए, दो दिन की लास्टिंग दे रही हूँ, कम पैसे में सिर्फ धर्म के आधार पर पार्सल भेजा गया है।”
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने इस अपील को समझा और व्यवसाय का समर्थन किया, जबकि कुछ ने व्यवसायिक प्रैक्टिस पर सवाल उठाए।
विनोद सेन का समर्थन
वहीं इस मामले में, सोशल मीडिया पर सक्रिय विनोद सेन ने Zehra Calligraphy के ट्वीट पर रिप्लाई किया। उन्होंने लिखा, “अगर किसी को खरीदना ही नहीं है तो ऑर्डर क्यों करते हैं? प्रोडक्ट मंगवाकर वापस कर देना ये न इंसानियत है न कारोबार की समझ। आप मेहनत से काम कर रही हैं, इत्र में कोई कमी है तो बताना चाहिए, पर नुकसान पहुँचाना किसी भी तरह जायज़ नहीं। मेहनत और ईमानदारी हमेशा जीतती है।”
विनोद सेन की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर काफी ध्यान खींचने वाली रही और कई लोग उनकी बात से सहमत भी नजर आए। उन्होंने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि छोटे व्यवसायों की मेहनत का सम्मान करना चाहिए और ग्राहकों को जिम्मेदारी के साथ ऑर्डर करना चाहिए।
छोटे व्यवसाय और ग्राहक का भरोसा
यह मामला छोटे व्यवसायों और उनके ग्राहकों के बीच भरोसा और पारदर्शिता की अहमियत को भी उजागर करता है। Zehra Calligraphy जैसे ब्रांडों में उत्पाद की गुणवत्ता, समय पर डिलीवरी और ग्राहक संतुष्टि प्रमुख भूमिका निभाती है। जब ग्राहक बिना कारण के ऑर्डर वापस कर देते हैं वो भी सिर्फ धर्म के आधार पर, तो छोटे व्यवसायों को वित्तीय नुकसान और समय की बर्बादी होती है।
सोशल मीडिया का असर
यह घटना सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई और लोगों ने अपनी राय साझा की। कई लोगों ने ज़ेहरा कैलिग्राफ़ी का समर्थन किया, जबकि अन्य ने क्लाइंट के रुख़ पर सवाल उठाए। हालाँकि किसी विषय को धार्मिक रंग देना ग़लत है, कंपनियों और व्यवसायों की पहचान उनके काम से होनी चाहिए, न कि उनके धर्म से।
