नयी दिल्ली। देश में हल्दी के उत्पादन और रिसर्च को बढ़ाने के लिये अलग बोर्ड बनाने के प्रावधान वाला एक निजी बिल शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया।
तेलंगाना राष्ट्र समिति की के कविता ने यह बिल पेश किया जिसमें नारियल और मसाला बोर्ड की तरह हल्दी बोर्ड गठित करने का प्रावधान है। बिल में हल्दी के उत्पादन के साथ-साथ इसका निर्यात बढ़ाने, किसानों को हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने, हल्दी की नई किस्में विकसित करने के लिये रिसर्च को बढ़ावा देने और इसके भंडारण की बेहतर व्यवस्था करने के प्रावधान हैं।
के कविता ने मुताबिक देश में 13 राज्यों में हल्दी का उत्पादन होता है लेकिन लगातार उपेक्षा की वजह से इसकी पैदावर घट रही है। देश में 2011-12 में 251824 हेक्टेयर में इसकी खेती होती थी जो 2015-16 में घटकर 190420 हेक्टेयर रह गयी। इस दौरान इसका उत्पादन 1398862 टन से कम होकर 843530 टन रह गया। उन्होंने कहा कि कभी भारत हल्दी उत्पादन करने वाला अकेला देश था लेकिन आज कंबोडिया, मलेशिया और इंडोनेशिया से इसका आयात किया जा रहा है। उन्होंने इसके आयात पर तुरंत रोक लगाने की मांग की।
तेलंगाना के निजामाबाद सीट से सांसद कविता काफी समय से हल्दी बोर्ड बनाने की मांग उठा रही हैं। इस संबंध में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन से मुलाकात भी कर चुकी हैं।