नई दिल्ली (वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बहुचर्चित रेडियो सम्बोधन ‘मन की बात’ के जरिए एक बार फिर देशवासियों से रूबरू हुए। अपने सम्बोधन में उन्होंने देश की मानव शक्ति के संदर्भ में चंपारण सत्याग्रह, गांधीजी के संघर्ष और रचनात्मकता तथा शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के बलिदान का उल्लेख करते हुए कहा कि आज जब देश चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी मना रहा है, तब भारत के सामान्य मानव की शक्ति कितनी अपार है इसे समझना होगा।
आजादी के आन्दोलन की तरह, आज भी स्वराज से सुराज की यात्रा में सवा-सौ करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति, परिश्रम की पराकाष्ठा, ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की अवधारणा और देश के लिए, समाज के लिए, कुछ कर-गुजरने का अखंड प्रयास ही आजादी के लिए मर-मिटने वाले उन महापुरूषों के सपनों को साकार कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि आज जब हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, तब कौन हिन्दुस्तानी ऐसा होगा, जो भारत को बदलना नहीं चाहता होगा? कौन हिन्दुस्तानी होगा, जो देश में बदलाव के लिए हिस्सेदार बनना नहीं चाहेगा? सवा-सौ करोड़ देशवासियों की ये बदलाव की चाह, ये बदलाव का प्रयास, यही तो है, जो न्यू इंडिया की मजबूत नींव डालेगा।
न्यू इंडिया न तो कोई सरकारी कार्यक्रम है, न ही किसी राजनीतिक दल का घेषणा पत्र है, यह सवा-सौ करोड़ देशवासियों के नाम आह्वान है। यही भाव है कि सवा-सौ करोड़ देशवासी मिलकर के कैसा भव्य भारत बनाना चाहते हैं। सवा-सौ करोड़ देशवासियों के मन के अन्दर एक आशा है, एक उमंग है, एक संकल्प है, एक चाह है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर समस्त देशवासी संकल्प करें, संकल्प को सिद्ध करने के लिऐ राह तय कर लें तो इतने से ही बात बन जाएगी। इसके लिए कोई बड़ी चीज करने की जरुरत नहीं। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों जैसे ट्रैफिक नियमों का अनुपालन, एक दिन डीजल पेट्रोल का इस्तेमाल बंद करना, खाना बर्बाद नहीं करना और साफ सफाई को अपनी आदत में शामिल करने पर ही ध्यान दें तो बहुत बड़ा लक्ष्य सिद्ध हो जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस आह्वान पर देशवासियों को कैशलेस लेनदेन पर साथ देने के लिए भी बधाई दिया। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि आप इस आर्थिक क्रांति का हिस्सेदार बनिए, इतिहास आपकी इस पीढ़ी को तारीखों में याद करेगा। साथ ही उन्होने ये भी कहा कि आप न्यू इंडिया के साझेदार हैं, इसलिए डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा दिजीए। बंग्लादेश की आजादी पर संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आप बांग्लादेश को आजादी की असीम शुभकामनाएं। बंग्लादेश के राष्ट्रगान पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि राष्ट्रगान की रचना देश के प्रेरणास्रोत गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। इसलिए हमारा रिश्ता बंग्लादेश के साथ व्यवहारिकता से कहीं ज्यादा है। इसके अलावा पीएम ने रामनवमी, महावीर जयंती और अंबेडकर जयंती की अग्रीम बधाई दी।