बॉलीवुड की गलियों में इन दिनों बायोपिक का जैसे ट्रेंड चल रहा है। तो फिर ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक क्यों नहीं बनती। जानकारी दे दें कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहे निर्देशक मंगेश हडावले ने पीएम मोदी पर एक शॉर्ट फिल्म बनाई है। बता दें कि पीएम मोदी के जीवन से मंगेश हडावले बहुत प्रभावित हैं। यह फिल्म मोदी द्वारा लिखी हुई किताब ‘सामाजिक समरसता’ पर बनाई गई है। इस फिल्म का नाम है ‘चलो जीते हैं’।
आपको बता दें कि इस फिल्म के माध्यम से मोदी के बचपन को दिखाया जाएगा। मोदी पर आधारित यह शॉर्ट फिल्म 32 मिनट की है। इस फिल्म में मुख्य किरदार का नाम नरू है। जानकारी दे दें कि 29 जुलाई को यह फिल्म हॉटस्टार पर रिलीज होगी। इस फिल्म में मुख्य किरदार चाइल्ड आर्टिस्ट धैर्य दर्जी ने निभाया है। साथ ही मूवी में आजादी के बाद का वक्त को दर्शाया गया है। फिल्म को रिलीज से पहले राष्ट्रपति भवन में स्पेशल स्क्रीनिंग में रखी गई है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पीएम मोदी पर आधारित फिल्म को देखने के बाद ट्वीट किया है कि ‘राष्ट्रपति भवन में आज एक विशेष स्क्रीनिंग में फिल्म ‘चलो जीते हैं’ देखी। मंगेश हदावले द्वारा निर्देशित इस फिल्म में बचपन, मासूमियत और भाई-चारे की कहानी दर्शाई गई है।’
मंगेश हदावले ने एक एक इंटरव्यू में कहा है कि ”मोदीजी की किताब एक प्ले के साथ शुरू होती है जिसका नाम है पीलो फूल। जब वे 10 साल के थे तब इसमें वे भाग लिया करते थे। ये कहानी एक दलित महिला के बारे में है जो मंदिर से पीले फूल मिलने के लिए आतुर है। ताकि उसके बेटे की जिंदगी बच जाए। ये बच्चा स्वामी विवेकानंद की लाइन ”वही जीते हैं, तो दूसरों के लिए जीते हैं” से प्रेरित है।” साथ ही मंगेश ने कहा है कि दूसरों के लिए जीने वाले नरेंद्र मोदी से वह काफी प्रभावित हैं। इस फिल्म में भी पीएम से अधिक नरू की कहानी को दिखाया गया है।