AIADMK chief K Palaniswami: ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) के प्रमुख एडप्पादी के पलानीस्वामी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि तमिलनाडु में पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संबंध अडिग हैं और इस गठबंधन में किसी भी प्रकार की फूट डालने की कोशिशें सफल नहीं होंगी। पलानीस्वामी का यह बयान उस वक्त आया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले साल राज्य में राजग की जीत पर गठबंधन सरकार बनाने का संकेत दिया था। पलानीस्वामी ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले ही यह साफ कर दिया है कि यह गठबंधन किसके नेतृत्व में चलेगा और किसे मुख्यमंत्री पद मिलेगा। उनका दावा था कि यदि राजग सत्ता में आता है, तो वह मुख्यमंत्री बनेगा और यह उनका अंतिम फैसला होगा।
‘उंगलुदन स्टालिन’ कार्यक्रम पर पलानीस्वामी की प्रतिक्रिया- AIADMK chief K Palaniswami
इसके अलावा, पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के ‘उंगलुदन स्टालिन’ संपर्क कार्यक्रम की भी आलोचना की। उन्होंने इसे एक ‘नाटक’ करार देते हुए आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले तमिलनाडु के लोगों को ‘गुमराह’ करना था। पलानीस्वामी ने सवाल उठाया कि राज्य सरकार के पास बचे हुए आठ महीनों में क्या उम्मीदें की जा सकती हैं, जब तक कि लोगों के मुद्दों का समाधान नहीं किया जाता।
Amit Shah के बयान पर पलानीस्वामी का स्पष्टीकरण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राजग की आगामी चुनावी रणनीति के बारे में की गई टिप्पणी के संदर्भ में पलानीस्वामी ने कहा कि शाह ने केवल यह कहा था कि गठबंधन चुनाव जीतने के बाद सरकार बनाएगा। पलानीस्वामी ने यह भी कहा कि यह उनका फैसला होगा कि राजग सरकार का नेतृत्व कौन करेगा। पलानीस्वामी ने स्पष्ट किया कि यह सवाल पहले ही तय किया जा चुका है और AIADMK ही राज्य में राजग का नेतृत्व करेगा।
पार्टी के भीतर संभावित पावर शेयरिंग पर चर्चा
इस बीच, रिपोर्ट्स के अनुसार, पलानीस्वामी ने शाह से यह भी कहा था कि अगर राजग जीतता है, तो पावर शेयरिंग पर चर्चा की जा सकती है, लेकिन इसे चुनाव से पहले सार्वजनिक रूप से नहीं किया जाएगा। पलानीस्वामी का यह बयान गठबंधन के भीतर एआईएडीएमके और भाजपा के बीच गहरे संवाद और समन्वय का संकेत देता है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह कदम द्रविड़ मतदाताओं के विरोध को देखते हुए जरूरी था, जो भाजपा और एआईएडीएमके के बीच सत्ता साझा करने के विचार से असहमत हो सकते हैं।
गठबंधन की प्रगति और AIADMK की स्थिति
AIADMK और भाजपा के बीच की चर्चा में तेजी आई है और यह स्पष्ट हो गया है कि AIADMK राजग में प्रमुख भूमिका निभाएगा। पलानीस्वामी ने यह सुनिश्चित किया कि चुनाव के बाद यदि गठबंधन सत्ता में आता है, तो वह मुख्यमंत्री पद संभालेंगे। इस संदर्भ में, पार्टी नेताओं का मानना है कि पावर शेयरिंग के मुद्दे को चुनाव से पहले सार्वजनिक रूप से उठाना आत्मघाती हो सकता है, क्योंकि यह पार्टी के कैडर को खुश नहीं कर सकता। हालांकि, भाजपा ने इस पर सहमति जताई है, लेकिन इसके सार्वजनिक बयान को लेकर कुछ मतभेद हो सकते हैं।
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