Anant Singh Arrested: बिहार की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। मोकामा से जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार और पूर्व विधायक अनंत सिंह को शनिवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में हुई है। अनंत सिंह इस बार भी मोकामा सीट से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अब उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराएं और शस्त्र अधिनियम (Arms Act) के तहत कार्रवाई की गई है।
पुलिस ने बताया कि अनंत सिंह को पटना से करीब 200 किलोमीटर दूर बाढ़ स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। उनके साथ मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम नाम के दो अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया है। तीनों को पटना लाया गया है और जल्द ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
देर रात हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस की पुष्टि- Anant Singh Arrested
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा और जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम. ने देर रात संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरफ्तारी की पुष्टि की। एसएसपी शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद यादव की मौत “कठोर और कुंद वस्तु से चोट लगने के कारण हृदय गति रुकने” से हुई है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि घटना के वक्त अनंत सिंह और उनके दोनों साथी मौके पर मौजूद थे, जिससे उनकी संलिप्तता के संकेत मिले हैं।
80 से ज्यादा गिरफ्तारियां, DGP ने दी जानकारी
राज्य के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने बताया कि इस हत्या के साथ-साथ मोकामा में हुई झड़प और पत्थरबाजी के मामलों में अब तक 80 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “दोनों उम्मीदवारों के समर्थक आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान झड़प और पत्थरबाजी हुई, जिसके बाद दुलारचंद यादव की मौत हो गई। सभी गिरफ्तारियां सबूतों के आधार पर की गई हैं।”
DGP ने यह भी बताया कि घटनास्थल से हथियार अभी बरामद नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस उसकी तलाश कर रही है। फॉरेंसिक जांच के लिए हथियार बरामद करना प्राथमिकता में है।
JDU और RJD आमने-सामने
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया है। जेडीयू ने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव को घेरा।
JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “हम किसी की जाति या परिवार नहीं देखते, कानून सबके लिए समान है। लेकिन तेजस्वी यादव को यह बताना चाहिए कि उन्होंने ऐसे खूंखार अपराधियों का साथ क्यों दिया? आपने रितलाल यादव को टिकट क्यों दिया जबकि हाई कोर्ट ने उन्हें चुनाव लड़ने से रोका था?”
किन धाराओं में हुई कार्रवाई, क्या है सजा का प्रावधान?
आपको बता दें, अनंत सिंह पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), धारा 3(5) और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। ये धाराएं बेहद गंभीर मानी जाती हैं।
- धारा 103(1) – यह धारा हत्या से संबंधित है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। यह पुरानी IPC की धारा 302 के समान है।
- धारा 3(5) – यह “समान अभिप्राय” यानी common intention से जुड़ी है। अगर किसी अपराध में कई लोग एक साथ शामिल हों, तो सभी को समान रूप से दोषी माना जाता है। यह धारा IPC की धारा 34 का नया रूप है।
- शस्त्र अधिनियम – बिना लाइसेंस हथियार रखने या अवैध हथियारों के इस्तेमाल पर 3 से 7 साल तक की सजा, और हत्या जैसी गंभीर वारदात में इस्तेमाल होने पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी जानकारों का कहना है कि इन धाराओं का संयुक्त प्रभाव बेहद कठोर है। अगर अदालत में हत्या और समान अभिप्राय दोनों सिद्ध हो जाते हैं, तो आरोपी को आजीवन कारावास या फांसी की सजा मिल सकती है। ऐसे मामलों में अदालत अपराध की गंभीरता और परिस्थितियों को देखते हुए फैसला सुनाती है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और मामले की जांच तेज कर दी गई है। यह मामला चुनावी माहौल में बिहार की राजनीति को हिला देने वाला साबित हो रहा है
