Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 की सरगर्मी अब पूरे जोरों पर है। हर पार्टी अपने प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार कर रही है और कई सीटों पर दावेदारों की लंबी कतार लगी है। लेकिन इस बार एक दिलचस्प सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर किसी विधानसभा क्षेत्र से 100 या 200 उम्मीदवार मैदान में उतर जाएं, तो वोटिंग कैसे होगी? क्या एक EVM मशीन इतनी भीड़ संभाल पाएगी? इसका जवाब है हां, और वो भी पूरी तकनीकी तैयारी के साथ।
दो हिस्सों में बंटी होती है EVM- Bihar Election 2025
सबसे पहले जानिए कि EVM यानी Electronic Voting Machine काम कैसे करती है। यह मशीन दो हिस्सों में बंटी होती है कंट्रोल यूनिट और बैलेटिंग यूनिट। कंट्रोल यूनिट चुनाव अधिकारी के पास रहती है, जबकि बैलेटिंग यूनिट वही होती है जिसमें वोटर उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह के सामने बटन दबाता है।
अब बात आती है कि एक मशीन में आखिर कितने नाम फिट हो सकते हैं।
एक EVM में कितने उम्मीदवारों के नाम दर्ज हो सकते हैं?
एक साधारण EVM मशीन में अधिकतम 16 उम्मीदवारों के नाम दर्ज किए जा सकते हैं। यानी अगर किसी सीट पर 16 से ज्यादा प्रत्याशी हों, तो केवल एक मशीन से काम नहीं चलेगा। इस स्थिति में कई बैलेट यूनिटों को आपस में जोड़ दिया जाता है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी सीट पर 20 उम्मीदवार खड़े हैं तो दो बैलेट यूनिट लगाई जाएंगी। इसी तरह अगर उम्मीदवारों की संख्या 64 तक पहुंच जाए, तो चार मशीनें जोड़कर मतदान कराया जा सकता है।
अगर 200 उम्मीदवार हों तो?
अब आता है सबसे रोचक सवाल कि अगर उम्मीदवारों की संख्या 100 या 200 तक पहुंच जाए, तो क्या EVM जवाब दे देगी? नहीं, क्योंकि अब चुनाव आयोग के पास है M3 EVM, जो पहले की तुलना में कहीं ज्यादा उन्नत और सक्षम है।
यह M3 EVM एक साथ 24 बैलेटिंग यूनिटों तक को जोड़ सकती है। यानी इसमें 384 उम्मीदवारों (नोटा सहित) के नाम और चुनाव चिन्ह दर्ज किए जा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर किसी विधानसभा सीट से 200 उम्मीदवार भी चुनाव लड़ें, तो भी EVM आसानी से वोटिंग प्रक्रिया संभाल सकती है।
अगर उम्मीदवारों की संख्या 384 से भी ज्यादा हो जाए तो?
ऐसी स्थिति बहुत ही दुर्लभ होती है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसके लिए भी तैयारी कर रखी है। अगर किसी सीट पर 384 से ज्यादा उम्मीदवार हो जाएं, तो आयोग पेपर बैलेट यानी मतपत्रों का सहारा लेता है। तब पुराने जमाने की तरह कागज़ पर वोटिंग करवाई जाती है, जिससे सभी उम्मीदवारों को शामिल किया जा सके।
तकनीक और पारदर्शिता का मेल
EVM को लेकर हमेशा पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग बार-बार यह साबित करता आया है कि यह मशीन तकनीकी रूप से बेहद मजबूत और भरोसेमंद है। M3 EVM न सिर्फ ज्यादा उम्मीदवारों को समायोजित कर सकती है, बल्कि वोटिंग प्रक्रिया को तेज, सटीक और पारदर्शी भी बनाती है।
तो बिहार चुनाव 2025 में अगर किसी सीट पर 100 या 200 उम्मीदवार उतर भी आते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं। EVM मशीनें पूरी तरह तैयार हैं चाहे मामला 20 उम्मीदवारों का हो या 200 का।
