Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की हलचल अब तेज होती जा रही है। चुनाव आयोग की टीम राज्य का दौरा कर चुकी है, राजनीतिक दलों के साथ बैठकों का दौर भी निपट चुका है और जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होने की संभावना है। इसी बीच महागठबंधन (INDIA Bloc) ने भी अपने भीतर तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
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रविवार देर शाम बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर महागठबंधन की एक अहम बैठक हुई, जिसमें घटक दलों के तमाम प्रमुख चेहरे शामिल हुए। बैठक करीब पांच घंटे तक चली और इसमें सीट शेयरिंग से लेकर नेतृत्व के सवालों पर चर्चा की गई।
“हम ही बनाएंगे सरकार, मैं बनूंगा डिप्टी सीएम” – मुकेश सहनी
बैठक के बाद बाहर निकलते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा,
“बात लगभग फाइनल हो चुकी है। दो दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हर विषय पर जानकारी दे दी जाएगी।”
इतना ही नहीं, उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा –
“शुभ-शुभ बोलिए, हम ही सरकार बनाएंगे और मैं ही डिप्टी सीएम बनूंगा।”
मुकेश सहनी ने यह भी जानकारी दी कि अगली बैठक 6 अक्टूबर को होगी जिसमें बचे हुए बिंदुओं पर अंतिम चर्चा की जाएगी और 7 अक्टूबर को महागठबंधन की तरफ से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीट बंटवारे और गठबंधन की रणनीति का ऐलान किया जाएगा।
कांग्रेस और आरजेडी ने भी दी बैठक की जानकारी- Bihar Election 2025
बैठक के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार और पार्टी के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने भी मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि बैठक में सीट शेयरिंग, संभावित उम्मीदवारों और क्षेत्रीय समीकरणों को लेकर गहन चर्चा हुई।
वहीं आरजेडी के महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि ज्यादातर बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है, लेकिन कुछ विषयों पर और बातचीत की जरूरत है। उन्होंने भरोसा जताया कि अगले दो दिनों में सभी मुद्दों पर सहमति बना ली जाएगी।
उन्होंने इस बात को भी महत्वपूर्ण बताया कि पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) और हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जैसे दलों की संभावित भागीदारी पर भी चर्चा की जा रही है।
चुनाव आयोग का दावा – 22 नवंबर से पहले निपट जाएगी चुनाव प्रक्रिया
गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम ने हाल ही में दो दिवसीय बिहार दौरा किया था। आयोग ने राज्य के तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी और साथ ही प्रशासनिक अफसरों से भी चुनावी तैयारियों पर चर्चा की थी।
अपने दौरे के अंत में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्ञानेश कुमार ने साफ किया कि आयोग की योजना है कि 22 नवंबर से पहले पूरी चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
क्या कहता है राजनीतिक संकेत?
महागठबंधन की इस सक्रियता को देखते हुए साफ है कि विपक्ष इस बार एकजुट होकर चुनाव में उतरने की रणनीति पर काम कर रहा है। खासतौर पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सीटों को लेकर किसी तरह का पब्लिक विवाद सामने न आए और साझा नेतृत्व के साथ चुनाव प्रचार शुरू हो सके।
अब सबकी निगाहें 7 अक्टूबर की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जहां ये तय हो जाएगा कि बिहार की चुनावी लड़ाई में महागठबंधन किन शर्तों और चेहरे के साथ उतर रहा है।
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