Bihar Election 2025: बिहार के समस्तीपुर ज़िले में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क किनारे VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की पर्चियां बिखरी हुई मिलीं। ये वही पर्चियां होती हैं जो वोट डालने के बाद ईवीएम से निकलती हैं।
घटना की तस्वीरें और वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुए, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव आयोग पर सीधा निशाना साध दिया और पूरी चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए।
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आरजेडी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना- Bihar Election 2025
आरजेडी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर भारी संख्या में EVM से निकलने वाली VVPAT पर्चियां फेंकी मिलीं। कब, कैसे, क्यों और किसके इशारे पर इन्हें फेंका गया? क्या चोर आयोग इसका जवाब देगा? क्या यह सब बाहर से आए ‘लोकतंत्र के डकैत’ के इशारे पर हो रहा है?”
इस पोस्ट के बाद पूरे बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह मामला चुनाव प्रक्रिया की साख पर सीधा प्रहार है।
चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।
उन्होंने इस मामले में संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए।
साथ ही, समस्तीपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी (डीएम रोशन कुशवाहा) को मौके पर जाकर जांच करने और रिपोर्ट देने को कहा गया।
निर्वाचन आयोग ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर यह साफ किया कि सड़क पर मिली वीवीपैट पर्चियां मॉक पोल (ट्रायल वोटिंग) के दौरान इस्तेमाल की गई थीं। आयोग के अनुसार, “इन पर्चियों के निस्तारण में एआरओ द्वारा लापरवाही बरती गई थी, लेकिन इससे असली मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।”
डीएम ने सभी उम्मीदवारों को इस बारे में सूचित भी कर दिया है।
कैसे हुई गलती?
दरअसल, 6 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हुआ था। सरायरंजन सीट पर भी उसी दिन वोट डाले गए थे।
वोटिंग से पहले हर बूथ पर मॉक पोल किया जाता है, ताकि ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की कार्यक्षमता जांची जा सके। लेकिन वोटिंग के दो दिन बाद शीतलपट्टी गांव के पास बड़ी संख्या में पर्चियां कूड़े में पाई गईं।
डीएम ने दी सफाई
समस्तीपुर के डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा,
“हम मौके पर पहुंचे और पाया कि ये मॉक पोल की पर्चियां थीं। सामान्यतः इनका निस्तारण किया जाता है, लेकिन इस बार शेडिंग प्रक्रिया सही तरीके से नहीं की गई। ईवीएम नंबर से जिम्मेदार मतदान कर्मी की पहचान कर ली जाएगी और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
डीएम और एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने भी मौके का मुआयना किया और सभी राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
