Bihar Election: जदयू की 50 सीटों पर फोकस: पिछली हार से सबक लेकर बनाई खास रणनीति, हर बूथ पर मजबूत पकड़ की तैयारी

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Bihar Election: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज होती दिख रही है। 2025 विधानसभा चुनाव को देखते हुए जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। खासकर पार्टी ने 50 ऐसी विधानसभा सीटों को चिन्हित किया है, जहां पिछली बार उसे या तो भीतरघात का सामना करना पड़ा था या फिर पुराने सहयोगियों की वजह से नुकसान झेलना पड़ा था।

इन सीटों पर जदयू अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। पार्टी की रणनीति साफ है संगठन को मजबूत करना, बूथ स्तर पर पकड़ बनाना और मतदाताओं से सीधा संवाद बढ़ाना।

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भीतरघात और पुराने सहयोगियों से मिली सीख- Bihar Election

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू को कई सीटों पर ऐसी हार मिली थी, जहां मामला सिर्फ विपक्ष से नहीं था, बल्कि भीतरघात और रणनीतिक साज़िशों ने भी बड़ी भूमिका निभाई थी। खासकर उस समय एलजेपी के चिराग पासवान और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा ने कई सीटों पर जदयू के कोर वोट बैंक में सेंधमारी की थी। इसका असर सीधे तौर पर पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ा।

अब हालात बदल चुके हैं। चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा दोनों अब एनडीए के हिस्से हैं और जदयू के सहयोगी बन चुके हैं। लेकिन पार्टी को अभी भी यह डर सता रहा है कि इन सीटों पर पुराने नेता बागी होकर चुनाव न बिगाड़ दें। इसलिए इन 50 सीटों पर पार्टी ने कमर कस ली है।

टास्क के साथ मैदान में उतरे संगठन के पदाधिकारी

हाल ही में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने एक अहम बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों को टारगेट सौंपा है। इन 50 सीटों को लेकर सभी स्तर पर समीक्षा की गई और वहां विशेष ध्यान देने का फैसला लिया गया है।

पार्टी ने हर बूथ पर कम से कम 10 वफादार कार्यकर्ताओं की टीम खड़ी करने का प्लान बनाया था। लेकिन पार्टी का दावा है कि ये आंकड़ा अब खुद-ब-खुद बढ़ चुका है और कई बूथों पर अपेक्षा से ज्यादा सक्रिय कार्यकर्ता तैयार हो चुके हैं।

हर प्रकोष्ठ को भी अपना अलग-अलग टास्क दिया गया है ताकि किसी भी स्तर पर चूक न हो और एनडीए को मजबूती से जिताया जा सके।

बूथ स्तर पर मैनेजमेंट में कोई कमी नहीं

प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने साफ किया है कि इन 50 सीटों पर बूथ लेवल मैनेजमेंट सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हर वोटर से व्यक्तिगत संपर्क किया जा रहा है और कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करें। इससे पार्टी को न केवल फीडबैक मिल रहा है, बल्कि जमीनी पकड़ भी मजबूत हो रही है।

“बीती बातों को भूलकर आगे बढ़ चुकी है पार्टी” – विजय चौधरी

पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी का मानना है कि 2020 की हार अब अतीत की बात हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हम आगे बढ़ चुके हैं। पार्टी हर सीट पर मेहनत कर रही है। कुछ सीटों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और हम ऐसा कर भी रहे हैं। इस बार सहयोगी दलों के साथ एनडीए एकजुट है। कहीं कोई दिक्कत नहीं, कोई विवाद नहीं।”

उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार न सिर्फ जदयू, बल्कि पूरे एनडीए की सीटों में इजाफा होगा।

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