Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच महागठबंधन ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। इस घोषणापत्र का नाम रखा गया है ‘तेजस्वी प्रण’। इसका कवर तेजस्वी यादव की तस्वीर से सजा हुआ है, और इसकी हर पंक्ति में बदलाव और सामाजिक न्याय की झलक देखने को मिलती है।
तेजस्वी यादव की अगुवाई में जारी इस घोषणापत्र में रोजगार, महिला सशक्तिकरण, किसानों के अधिकार और सामाजिक न्याय को केंद्र में रखा गया है। महागठबंधन ने कहा कि यह केवल चुनावी घोषणा नहीं बल्कि “एक समृद्ध, न्यायपूर्ण और आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण का ऐतिहासिक संकल्प” है।
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मुख्य वादे: हर परिवार से एक को नौकरी- Bihar Elections 2025
महागठबंधन के घोषणापत्र का सबसे बड़ा आकर्षण है रोजगार का वादा। इसमें कहा गया है कि अगर गठबंधन की सरकार बनती है तो सिर्फ 20 दिनों के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा। इतना ही नहीं, 20 महीनों के भीतर नौकरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के युवाओं को अब “रोजगार के लिए पलायन नहीं, अवसर” मिलेगा।
महिलाओं के लिए ‘माई-बहिन मान योजना’
महिलाओं के लिए गठबंधन ने एक नई योजना पेश की है — ‘माई-बहिन मान योजना’। इसके तहत 1 दिसंबर 2025 से महिलाओं को ₹2,500 प्रतिमाह की सहायता दी जाएगी। यानी सालाना ₹30,000 की मदद। इसके साथ बेटियों के लिए ‘BETI’ और माताओं के लिए ‘MAI’ नामक योजनाएं भी शुरू की जाएंगी।
महागठबंधन का कहना है कि बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास में महिलाओं की भागीदारी को मजबूती देना उनकी प्राथमिकता होगी।
संविदाकर्मियों को स्थायित्व और पुरानी पेंशन योजना की वापसी
घोषणापत्र में कहा गया है कि सभी संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की घोषणा भी की गई है।
जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और ₹30,000 मासिक वेतन देने का वादा किया गया है।
मुफ्त बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार
हर परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया है। वृद्धजन, विधवा और दिव्यांगों के लिए क्रमशः ₹1,500 और ₹3,000 मासिक पेंशन का प्रावधान होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में, प्रत्येक अनुमंडल में महिला कॉलेज और 136 प्रखंडों में नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। छात्रों से परीक्षा फॉर्म शुल्क नहीं लिया जाएगा और उन्हें मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी।
स्वास्थ्य के लिए हर नागरिक को ₹25 लाख तक का मुफ्त बीमा देने की योजना है। जिला अस्पतालों को सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं से लैस करने का भी ऐलान किया गया।
किसानों और मजदूरों के लिए राहत
महागठबंधन ने किसानों के लिए MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी देने की घोषणा की है।
मनरेगा मजदूरी को ₹255 से बढ़ाकर ₹300 करने और काम के दिनों को 100 से बढ़ाकर 200 करने का वादा किया गया है। बंद पड़ी मंडियों को दोबारा शुरू करने की बात भी कही गई है।
अल्पसंख्यकों और वंचित वर्गों के लिए घोषणाएं
गठबंधन ने कहा कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे और वक्फ संशोधन विधेयक को लागू नहीं किया जाएगा। बौद्ध गया के मंदिरों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की घोषणा भी की गई है।
साथ ही, OBC और SC/ST वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने और उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की योजना है।
एनडीए पर तीखा हमला
घोषणापत्र जारी करते हुए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा,
“बिहार ने पिछले 20 सालों में सुशासन के नाम पर सिर्फ पलायन, अन्याय और बेरोजगारी देखी है। अब बिहार को न्याय, रोजगार और समान अवसर का प्रदेश बनाना होगा।”
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा,
“महागठबंधन ने मुख्यमंत्री पद का चेहरा सबसे पहले घोषित किया और अब सबसे पहले घोषणापत्र जारी किया। इससे साफ है कि बिहार के भविष्य को लेकर कौन गंभीर है।”
‘30-35 वर्षों की सेवा का प्रण’
वीआईपी प्रमुख और महागठबंधन के डिप्टी सीएम चेहरे मुकेश सहनी ने कहा,
“यह घोषणापत्र सिर्फ पांच साल के शासन का वादा नहीं, बल्कि अगले 30-35 वर्षों तक बिहार की सेवा का संकल्प है। हम जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे और बिहार को नई दिशा देंगे।”
महागठबंधन के इस घोषणापत्र ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। रोजगार, महिला सशक्तिकरण और किसानों के हित जैसे मुद्दों पर फोकस करते हुए गठबंधन ने एनडीए सरकार के 20 साल के शासन पर सवाल उठाए हैं। अब देखना यह होगा कि “तेजस्वी प्रण” जनता के दिल तक पहुंच पाता है या नहीं।
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