Bihar News: बिहार विधानसभा में नली-गली योजना को लेकर सियासी पारा उस वक्त चढ़ गया, जब राज्य के पूर्व कृषि मंत्री और राजद नेता कुमार सर्वजीत ने सरकार पर सीधे तौर पर दलित बस्तियों की अनदेखी का आरोप लगा दिया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने न सिर्फ सरकार को कठघरे में खड़ा किया, बल्कि सदन के भीतर खुली चुनौती भी दे डाली। कुमार सर्वजीत ने कहा कि दूसरे वर्गों और जातियों की बस्तियों में नली-गली योजना का कुछ न कुछ स्वरूप दिख जाता है, लेकिन अगर बात दलित बस्तियों की हो, तो हालात बिल्कुल उलट हैं।
“एक भी दलित बस्ती में नली-गली दिखा दें” (Bihar News)
कुमार सर्वजीत ने सदन में साफ शब्दों में कहा, “मैं सरकार को चुनौती देता हूं कि एक भी दलित बस्ती में नली-गली योजना का काम दिखा दें।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना कागजों और आंकड़ों तक ही सीमित रह गई है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। उनका कहना था कि विकास की बातें तो बहुत की जाती हैं, लेकिन दलित समाज आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
“20 साल में भी नहीं बदली दलित बस्तियों की तस्वीर”
पूर्व कृषि मंत्री ने दावा किया कि पूरे बिहार की बात करें तो करीब 80 प्रतिशत दलित बस्तियों में आज तक नली-गली योजना के तहत कोई काम नहीं हुआ है। खासकर मगध क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां एक भी दलित बस्ती ऐसी नहीं है, जहां नली-गली दिखाई दे। उन्होंने मुसहर समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर सदन किसी भी मुसहर बस्ती का चयन कर जांच करवा ले, तो सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी।
कमेटी बनाकर जांच कराने की मांग
एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कुमार सर्वजीत ने अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार को 20 साल हो चुके हैं, लेकिन दलित बस्तियों की हालत जस की तस बनी हुई है। उन्होंने बताया कि अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने खुद देखा है कि मुसहर बस्तियों में नली-गली का नामोनिशान तक नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की कि विधानसभा की एक कमेटी बनाई जाए, जो इस पूरे मामले की जांच करे। अगर एक भी दलित बस्ती में नली-गली का काम हुआ हो, तो उसे सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि फरवरी में होने वाले सत्र में कमेटी अपनी रिपोर्ट सदन में रखे, ताकि सच सामने आ सके।
हंगामे में दब गए सवाल
कुमार सर्वजीत का आरोप है कि विधानसभा में एनडीए के पास संख्या बल ज्यादा होने के कारण सत्ता पक्ष ने उनके सवालों का जवाब देने के बजाय हंगामा करना ज्यादा जरूरी समझा। उन्होंने कहा कि दलितों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय शोर-शराबे के जरिए सवालों को दबा दिया गया। यही नहीं, उन्होंने मगध मेडिकल कॉलेज की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की हालत देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी दलित बस्ती में आ गए हों, लेकिन इस मुद्दे पर भी सत्ता पक्ष ने गंभीरता नहीं दिखाई।
सियासी हलकों में बढ़ी हलचल
नली-गली योजना को लेकर कुमार सर्वजीत के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बता रहा है, जबकि सत्ता पक्ष की ओर से अब तक इन आरोपों पर कोई ठोस जवाब सामने नहीं आया है।









