Bihar Voter List: देशभर में मतदाता सूची को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर सफाई दी। उन्होंने साफ किया कि एक ही व्यक्ति के पास एक से ज्यादा वोटर कार्ड होना कोई षड्यंत्र नहीं, बल्कि अधिकतर मामलों में यह प्रवासन (migration) या प्रशासनिक गलती का नतीजा होता है।
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डबल वोटर कार्ड क्यों बन जाते हैं? (Bihar Voter List)
मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह जाता है और वहां अपना नाम जोड़ता है, तो कभी-कभी पुरानी एंट्री हट नहीं पाती। तकनीक की कमी की वजह से पहले ऐसा काफी होता था। उन्होंने कहा, “2003 से पहले चुनाव आयोग की कोई ऐसी वेबसाइट नहीं थी, जिसमें पूरा डाटा एक जगह हो।”
अब जब डिजिटल सिस्टम आ चुका है, तो इस तरह की गड़बड़ियों को सुधारने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं।
‘डबल वोटिंग’ है अपराध
डबल वोटर कार्ड का मतलब यह नहीं कि कोई व्यक्ति दो जगह वोट डालता है। ज्ञानेश कुमार ने कहा, “अगर किसी के पास दो जगह वोट है भी, तो वह वोट तो एक ही जगह जाकर डालता है। अगर कोई कहता है कि उसने दो बार वोट डाला, तो उसके लिए सबूत की ज़रूरत है। हमने सबूत मांगा, लेकिन नहीं मिला।”
‘घर नंबर 0’ पर उठे सवालों का जवाब
विपक्षी पार्टियों द्वारा उठाए गए ‘हाउस नंबर ज़ीरो’ के मुद्दे पर भी चुनाव आयोग ने स्थिति साफ की। CEC ने बताया कि लाखों लोगों के पास पक्के घर नहीं हैं, या फिर उनके घरों को नगरपालिका या पंचायत द्वारा घर नंबर नहीं दिया गया।
“कई लोग फुटपाथ पर, पुल के नीचे या किसी अस्थायी जगह पर रात गुज़ारते हैं। उनका नाम वोटर लिस्ट में होना जरूरी है।” उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ‘फर्ज़ी वोटर’ कहना गरीबों का अपमान होगा।
बिना घर नंबर के भी हो सकता है नामांकन
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “जो लोग झुग्गियों या अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं, उनके पास पक्का पता नहीं होता। ऐसे में चुनाव आयोग उन्हें काल्पनिक नंबर (notional number) देता है, जिससे वे वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा सकें।”
उन्होंने ये भी जोड़ा कि नागरिकता और 18 साल की उम्र पूरी होना, वोटर बनने के लिए सबसे जरूरी शर्तें हैं — न कि घर का नंबर।
तकनीक के सहारे सुधार की कोशिश
आयोग के अनुसार अब सारी जानकारियां एक ही वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इससे एक ही व्यक्ति के नाम के एक से ज्यादा एंट्री को हटाना आसान हो गया है। CEC ने बताया कि अब तक करीब 3 लाख मामलों में डुप्लिकेट वोटर ID को हटाया जा चुका है।