CM Rekha Gupta Attacked: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त 2025 को जनसुनवाई के दौरान हुए हमले ने पूरे देश को चौंका दिया है। इस हमले में आरोपी बना है 41 वर्षीय राजेशभाई खिमजीभाई सकारिया, जो गुजरात के राजकोट का रहने वाला है और पेशे से एक रिक्शा चालक है। अब जब पुलिस ने उसके खिलाफ जांच तेज़ की है, तो सामने आया है कि ये हमला किसी आम व्यक्ति का अचानक किया गया कदम नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स का कृत्य है जिसका आपराधिक रिकॉर्ड पहले से ही लंबा रहा है।
हमला कैसे हुआ? (CM Rekha Gupta Attacked)
जनसुनवाई के दौरान जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आम लोगों की समस्याएं सुन रही थीं, तभी अचानक राजेश ने उन पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी। शुरुआत में यह हमला मानसिक अस्थिरता या किसी निजी गुस्से का नतीजा लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे राजेश का अतीत सामने आया, मामला और गंभीर होता चला गया।
कौन है राजेशभाई खिमजीभाई सकारिया?
राजेशभाई की पहचान एक हिंसक प्रवृत्ति के व्यक्ति के रूप में उभरकर आई है। उसकी मां ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि राजेश बचपन से ही गुस्सैल और हिंसक रहा है। वह न सिर्फ पड़ोसियों और बाहर के लोगों से झगड़ता था, बल्कि घर में भी मारपीट करता था। उसकी मां भी कई बार उसकी हिंसा का शिकार हो चुकी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि राजेश मानसिक रूप से अस्थिर है और डॉक्टरों की सलाह के बावजूद वह कभी दवाएं नहीं लेता। हैरानी की बात यह है कि वह खुद को “पशु प्रेमी” बताता है और हाल ही में कुत्तों से जुड़ी किसी खबर ने उसे काफी परेशान कर दिया था। संभव है कि इसी गुस्से और दिमागी हालत के चलते उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।
राजेश का आपराधिक इतिहास
राजेश कोई नया अपराधी नहीं है। उसका आपराधिक सफर 2017 से शुरू हुआ और लगातार अलग-अलग केसों में उसका नाम सामने आता रहा।
- 2017 का मामला:
भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में FIR नंबर 0215/2017 दर्ज हुई थी। इसमें IPC की धारा 326, 504 और 114 के तहत गंभीर आरोप थे। केस में वह 2019 में कोर्ट से बरी हो गया। - 2020 के दो मामले:
अवैध शराब से जुड़े दो केस दर्ज हुए — FIR नंबर 1227/2020 और 1591/2020। दोनों में उसे 2023 में अलग-अलग अदालतों से बरी कर दिया गया। - 2022 का मामला:
एक और शराब से जुड़ा केस दर्ज हुआ – FIR नंबर 0871/2022, जो अब भी कोर्ट में लंबित है। इस केस की अगली सुनवाई 29 सितंबर 2025 को तय की गई है। - 2024 का ताज़ा मामला:
IPC की कई धाराओं के तहत FIR नंबर 0072/2024 दर्ज हुआ, जिसमें चोट पहुँचाने, गाली-गलौच और कानून तोड़ने के आरोप थे। इस बार भी उसे दिसंबर 2024 में कोर्ट से राहत मिल गई।
लगातार मामलों में बरी होना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या राजेश कानून की कमजोरी का फायदा उठाता रहा? और क्या उसका आपराधिक हौसला इसी वजह से बढ़ता गया?
पुलिस की जांच तेज़, CDR और सोशल मीडिया पर फोकस
दिल्ली पुलिस अब इस केस को बहुत गंभीरता से ले रही है। सबसे पहले तो आरोपी का कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) खंगाला जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने हाल ही में किन-किन लोगों से संपर्क किया था। क्या हमला अचानक किया गया या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी, यह जानने की कोशिश हो रही है।
इसके अलावा, पुलिस राजेश के सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी गहराई से जांच कर रही है। उसकी पोस्ट्स, फॉलो की गई प्रोफाइल्स और गतिविधियां इस बात का संकेत दे सकती हैं कि कहीं वह किसी कट्टर सोच या ग्रुप से तो नहीं जुड़ा था।
क्या हमले के पीछे कोई बड़ा एजेंडा?
फिलहाल यह कहना जल्दबाज़ी होगा, लेकिन राजेश का अतीत साफ संकेत देता है कि वह एक खतरनाक व्यक्ति है, जो बार-बार अपराधों में लिप्त होने के बावजूद कानून के दायरे से निकलता रहा है। उसकी मानसिक हालत, हिंसक स्वभाव, और पालतू जानवरों से जुड़ी सनक मिलकर उसे एक अनिश्चित और खतरनाक इंसान बनाते हैं।