Dularchand Yadav Mokama: मोकामा बना मौत का मैदान, दुलारचंद यादव की हत्या से उबल पड़ी बिहार की सियासत

Dularchand Yadav Mokama
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Dularchand Yadav Mokama: बिहार विधानसभा चुनाव अब तेजी से दिलचस्प मोड़ लेता दिख  रहा है, लेकिन इस बार चुनावी हलचल के बीच गोलियों की आवाज़ ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। आदर्श आचार संहिता लागू है, मगर गुरुवार को मोकामा के घोसवरी इलाके में जो हुआ, उसने बिहार की राजनीति में तनाव बढ़ा दिया। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर हमला हुआ, जिसमें उनके समर्थक और रिश्तेदार दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब पीयूष प्रियदर्शी का काफिला घोसवरी से गुजर रहा था, तभी अचानक 15-20 लोग वहां पहुंच गए। कुछ सरकारी और कुछ निजी गनर भी उनके साथ थे। देखते ही देखते लाठी-डंडों से हमला शुरू हो गया, गाड़ियों के शीशे तोड़े गए और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट हुई। इसी दौरान गोलियां चलीं और दुलारचंद यादव को गोली लग गई। अस्पताल ले जाने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

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पीयूष प्रियदर्शी का बयान– Dularchand Yadav Mokama

जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने बताया, “हमारा काफिला अनंत सिंह की गाड़ी के पीछे था। अचानक उनके समर्थकों ने हमला कर दिया। हमारे साथियों पर लाठी-डंडों से वार हुआ, गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और हमारे रिश्तेदार दुलारचंद यादव को गोली मार दी गई।”

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक हमला नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की हत्या है।

तेजस्वी यादव ने साधा सरकार पर निशाना

घटना के बाद महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार और एनडीए पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में विचारों की लड़ाई होती है, बम और गोली की नहीं। आज बिहार में सत्ता संरक्षित अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। मोकामा में एक सामाजिक कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई, वहीं दरोगा अनिरुद्ध पासवान की भी निर्मम हत्या हुई। ये सब दिखाता है कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची।”

तेजस्वी ने आगे कहा कि एनडीए उम्मीदवारों के समर्थक लगातार धमकी दे रहे हैं, पत्रकारों को मारने की बात करते हैं और जिन पर पहले से ही गंभीर आरोप हैं, उन्हें टिकट दिया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जी को बिहार का महाजंगलराज नहीं दिखता। जो लोग अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं, वही आज बिहार को बदनाम कर रहे हैं। जनता अब डबल इंजन सरकार को उखाड़ फेंकेगी।”

प्रशांत किशोर का बयान

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने भी मोकामा गोलीकांड पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ता दुलारचंद यादव को गोली मारने की खबर मिली है। पार्टी के नेता मौके पर रवाना हो गए हैं। जनता अब बदलाव का मन बना चुकी है और इस तरह की हिंसा उस सोच को नहीं रोक पाएगी।”

रोहिणी आचार्य का पलटवार

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स (Twitter) पर लिखा, “मारने-मरवाने और काटने-कटवाने वालों ने बिहार में डेरा डाल दिया है। जंगलराज का झूठा नैरेटिव फैलाने वालों का असली चेहरा अब सबके सामने है। ये बिहार में राक्षसराज की शुरुआत है।”

पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। बाढ़-2 एसडीपीओ अभिषेक सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि टाल क्षेत्र में दो राजनीतिक पार्टियों के काफिले जा रहे थे। किसी बात को लेकर दोनों पक्षों में झड़प हो गई। एक पक्ष ने दूसरे पर गोली चलाने और गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है, फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया गया है और जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अनंत सिंह की सफाई

दूसरी तरफ, इस पूरे मामले में आरोप झेल रहे एनडीए उम्मीदवार अनंत सिंह ने अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा, “हम टाल क्षेत्र में वोट मांग रहे थे। रास्ते में देखा कि कई गाड़ियां खड़ी हैं। लगा कि वो लोग भी प्रचार कर रहे हैं, तो हम रुक गए। तभी वो लोग मुर्दाबाद-मुर्दाबाद करने लगे। मैंने अपने लोगों से कहा कि किसी से कुछ मत कहना और हम आगे बढ़ गए। लेकिन हमारे पीछे कुछ गाड़ियां रह गईं और वहीं झगड़ा हो गया।”

अनंत सिंह ने आरोप लगाया कि “ये सब सूरजभान सिंह का खेल है। उन्होंने ही माहौल बिगाड़ने की कोशिश की ताकि चुनावी फायदा मिल सके। दुलारचंद यादव पूरे दिन गाली-गलौज कर रहे थे और वही सबसे पहले हाथापाई पर उतर आए।”

कौन थे दुलारचंद यादव?

मोकामा और आसपास के इलाकों में दुलारचंद यादव किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। वे कभी लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी हुआ करते थे और 90 के दशक में आरजेडी के मजबूत कार्यकर्ता माने जाते थे। उस वक्त इस इलाके में उनकी पकड़ काफी गहरी थी। कहा जाता है कि वे पार्टी के जमीनी संगठन को खड़ा करने वालों में से एक थे।

पिछले कुछ सालों में दुलारचंद यादव प्रशांत किशोर के जन सुराज आंदोलन से जुड़ गए थे और जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के खास समर्थक बन गए थे। हाल ही में उन्होंने लल्लू मुखिया के समर्थन में एक चुनावी गीत भी गाया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वे न सिर्फ राजनीतिक रूप से सक्रिय थे, बल्कि सामाजिक कामों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।

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