Karnataka News: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक सदस्य पर महिला को देखकर अपना प्राइवेट पार्ट दिखाने का गंभीर आरोप लगा है। आरोपित व्यक्ति ग्राम पंचायत का उपाध्यक्ष बताया जा रहा है। घटना के बाद महिला की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, और भाजपा ने भी इस आरोपित को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
आरोपित व्यक्ति का परिचय और घटना का विवरण- Karnataka News
इस घटना में आरोपित व्यक्ति का नाम पद्मनाभ सापल्या है, जो दक्षिण कन्नड़ जिले के इडकिडु गांव का निवासी है। सापल्या वर्तमान में ग्राम पंचायत के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि सापल्या और पीड़िता के बीच सड़क निर्माण को लेकर विवाद चल रहा था। घटना के दिन जब सापल्या इस जगह पर पहुंचा, तो महिला भी वहीं मौजूद थी। आरोप है कि सापल्या ने महिला को देखते ही गुस्से में आकर अपना शॉर्ट्स उतार दिया और अपने प्राइवेट पार्ट को दिखाना शुरू कर दिया। महिला इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रही थी, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और FIR
महिला ने इस घटिया हरकत के बाद विट्टल पुलिस थाने में पद्मनाभ सापल्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने बताया कि यह घटना एक निजी संपत्ति पर गेट लगाने को लेकर हुए विवाद के दौरान घटी थी। महिला ने गेट लगाए जाने पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद दोनों के बीच झगड़ा हुआ। इसी दौरान महिला ने मोबाइल से घटना की रिकॉर्डिंग की और आरोपित ने अपनी शर्मनाक हरकत को अंजाम दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।
वीडियो वायरल होने के बाद सख्त कार्रवाई
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और उसके बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा फैल गया। लोग आरोपित के इस कृत्य पर नाराजगी जताते हुए इसे बेहद शर्मनाक और अस्वीकार्य मान रहे हैं। पुत्तूर ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष दयानंद शेट्टी ने मामले में तुरंत एक्शन लिया और पद्मनाभ सापल्या की भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता रद्द करने के साथ-साथ उसे पार्टी से निष्कासित करने का आदेश दिया। इसके अलावा, उसे पंचायत उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का भी निर्देश दिया गया।
स्थानीय लोगों का आक्रोश और गिरफ्तारी की मांग
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि बनने के लिए ऐसे लोगों का चुनाव नहीं किया जाना चाहिए। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में कड़ी सजा दी जाए और आरोपी की गिरफ्तारी जल्द की जाए। उनका यह भी मानना है कि प्रशासन को इस तरह के मामलों में कड़ा उदाहरण पेश करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है और वीडियो फुटेज की तकनीकी जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यदि आरोप साबित होते हैं तो आरोपी के खिलाफ और भी गंभीर धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। यह घटना न केवल महिला की गरिमा के खिलाफ है, बल्कि पंचायत पद की मर्यादा को भी ठेस पहुंचाने वाली है। जांच पूरी होने के बाद इस मामले में और भी कार्रवाई की जा सकती है।