Lalu yadav Ambedkar Controversy: बिहार में चुनावी माहौल के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने 11 जून को अपना 78वां जन्मदिन मनाया। इस दौरान उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के पास बैठे होने के कारण विवाद उत्पन्न हो गया। वीडियो में देखा गया कि लालू यादव कुर्सी पर बैठे हुए हैं और उनकी सामने की कुर्सी पर एक समर्थक बाबा साहब की तस्वीर लेकर आता है। तस्वीर के पास होने का तरीका ऐसा था कि यह विवाद खड़ा कर दिया कि तस्वीर उनके पैरों के पास थी, जिसे दलित समाज ने अपमानजनक माना।
बीजेपी का हमला: दलित अपमान का आरोप- Lalu yadav Ambedkar Controversy
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, बीजेपी ने इस पर तीखा हमला शुरू कर दिया। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने वीडियो को शेयर करते हुए आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने बाबा साहब आंबेडकर का घोर अपमान किया है। उन्होंने कहा कि लालू ने बाबा साहब की तस्वीर को न तो उठाया, न ही उसे सम्मान दिया। इस वीडियो के बाद बीजेपी के नेताओं, खासकर दलित समाज से आने वाले नेताओं ने लालू पर दलितों के अपमान का आरोप लगाया और इसे चुनावी माहौल में एक बड़ा मुद्दा बना दिया।
जदयू का बयान: दलित समाज के प्रति राजद की नीति पर सवाल
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भी इस वीडियो को लेकर लालू प्रसाद यादव और राजद पर हमला किया। पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, “यह वीडियो यह साबित करता है कि राजद और लालू प्रसाद दलित समाज के प्रति अपनी नफरत छुपाते नहीं हैं। उनका यह वीडियो दलितों के अपमान का प्रतीक है।” उन्होंने आगे कहा कि दलित और महादलित समाज अब राजद के उम्मीदवारों को इसका सबक सिखाएंगे।
लालू परिवार हमेशा अपने कदमों में बाबासाहेब और दलित समाज को रखना चाहता है!#ShameOnLaluFamily #DalitVirodhiRJD #BabasahebAmbedkar pic.twitter.com/WetAmNvzdr
— Samrat Choudhary (@samrat4bjp) June 14, 2025
सम्राट चौधरी का बयान: लालू के डीएनए में दलितों का अपमान
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी लालू प्रसाद पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद का डीएनए ही दलितों और पिछड़ों का अपमान करने का है। उन्हें बाबा साहब आंबेडकर का कोई सम्मान नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि लालू को इस मामले में सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
तेजस्वी यादव का बचाव: बीजेपी पर झूठा प्रचार करने का आरोप
राजद के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस विवाद पर बीजेपी का बचाव करते हुए कहा कि बीजेपी को आंबेडकर या संविधान से कोई मतलब नहीं है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद यादव ने बिहार में कई जगहों पर बाबा साहब की मूर्तियां लगवाई हैं और पार्टी आंबेडकर के विचारों का सम्मान करती है। उन्होंने बीजेपी पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि वे केवल इस मुद्दे को राजनीतिक फायदे के लिए उछाल रहे हैं।
बीजेपी का तर्क: दलित समाज के लिए अपमानजनक मानसिकता
अमित मालवीय ने एक और पोस्ट में कहा, “बाबा साहब आंबेडकर के अपमान पर माफी मांगना तो दूर, तेजस्वी यादव घमंड में जवाब दे रहे हैं। राजद कार्यालय में बाबा साहब का अनादर हुआ, और सवाल उठने पर बौखलाहट आई।” उन्होंने कहा कि यह वीडियो यह दिखाता है कि राजद और लालू प्रसाद की मानसिकता दलितों के प्रति कितनी घातक है और यह उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत रत्न बाबा साहब अंबेडकर के अपमान पर माफ़ी मांगना तो दूर, तेजस्वी यादव घमंड में जवाब दे रहे हैं।
राजद कार्यालय में बाबा साहब का अनादर हुआ — सवाल उठे तो आत्मचिंतन नहीं, बौखलाहट आई।
क्या अब बाबा साहब के सम्मान की बात भी राजद को चुभने लगी है? pic.twitter.com/Pzkxsaf3mC
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 14, 2025
राजद की प्रतिक्रिया: पार्टी आंबेडकर के विचारों का सम्मान करती है
राजद के नेताओं ने इस विवाद को नकारते हुए कहा कि उनका पार्टी आंबेडकर की विचारधारा का सम्मान करती है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ पार्टी का बचाव करना जरूरी था। उन्होंने यह भी कहा कि यह विवाद सिर्फ एक साधारण फोटो खिंचवाने का मामला था, जिसे बीजेपी ने राजनीतिक फायदा उठाने के लिए बढ़ा दिया है।
चुनावी असर: दलित समाज में असर और भविष्य की दिशा
यह विवाद बिहार में दलित वोट बैंक को लेकर चुनावी समीकरण पर असर डाल सकता है। बिहार में राजद का दलित समाज में मजबूत जनाधार है, और इस वीडियो के बाद दलित समाज में राजद की छवि पर असर पड़ सकता है। बीजेपी ने इस विवाद को चुनावी मुद्दा बना लिया है। राजद और बीजेपी के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव को लेकर आगामी चुनावों में दलित और पिछड़ी जातियों का समर्थन कौन हासिल करता है, यह एक बड़ा सवाल होगा।